बेसिक विद्यालयों के विलय के खिलाफ भड़का आक्रोश, अभिभावकों ने किया प्रदर्शन, अध्यापक भी समर्थन में उतरे

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से परिषदीय स्कूलों के विलय की योजना का शाहजहांपुर में जबरदस्त विरोध शुरू हो गया है। जिले के कई प्राथमिक विद्यालयों में बृहस्पतिवार को अभिभावकों ने जोरदार प्रदर्शन किया, जिसमें अध्यापक भी उनके समर्थन में नजर आए।
अभिभावकों का कहना है कि सरकार के इस फैसले से छोटे बच्चों की सुरक्षा पर खतरा मंडराने लगा है। वे किसी भी कीमत पर अपने बच्चों को दूर स्थित स्कूलों में भेजने को तैयार नहीं हैं।
"बच्चों की सुरक्षा से समझौता नहीं"
प्रदर्शन में शामिल एक महिला अभिभावक ने कहा, "हमारे बच्चे अभी बहुत छोटे हैं। उन्हें रोज दूर-दराज स्कूल भेजना न तो सुरक्षित है और न ही व्यावहारिक। सरकार को पहले स्कूलों की गुणवत्ता सुधरानी चाहिए, उन्हें बंद नहीं करना चाहिए।"
अध्यापकों ने भी जताई नाराजगी
केवल अभिभावक ही नहीं, बल्कि विद्यालयों के शिक्षक भी इस निर्णय से नाराज हैं। उनका कहना है कि विद्यालयों का एकतरफा विलय बच्चों के भविष्य को प्रभावित करेगा। एक शिक्षक ने कहा, "छात्रों की संख्या के आधार पर स्कूल बंद करना तर्कसंगत नहीं है। सरकार को सुविधाएं बढ़ाने की जरूरत है, स्कूल कम करने की नहीं।"
कई स्कूलों में प्रदर्शन
बृहस्पतिवार को जिले के विभिन्न हिस्सों में स्थित विद्यालयों में विरोध प्रदर्शन हुआ। कई जगहों पर अभिभावकों ने स्कूल प्रांगण में नारेबाजी की और प्रशासन से इस फैसले को वापस लेने की मांग की।
ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा परेशानी
गांवों में स्थित छोटे विद्यालयों के विलय से सबसे ज्यादा असर ग्रामीण छात्रों पर पड़ने की आशंका जताई जा रही है। यहां पर परिवहन की सुविधा सीमित है और अभिभावकों की आर्थिक स्थिति भी कमजोर है।
प्रशासन की सफाई
बेसिक शिक्षा विभाग का कहना है कि विलय की प्रक्रिया सोच-समझकर की जा रही है और यह फैसला बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए लिया गया है। अधिकारियों के अनुसार, "जहां छात्रों की संख्या बहुत कम है, वहां विलय कर अन्य स्कूलों में संसाधनों का समुचित उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा।"