Samachar Nama
×

अवैध धर्मांतरण गिरोह का पाकिस्तानी कनेक्शन उजागर, दुबई से होती थी फंडिंग

अवैध धर्मांतरण गिरोह का पाकिस्तानी कनेक्शन उजागर, दुबई से होती थी फंडिंग

उत्तर प्रदेश में सक्रिय अवैध धर्मांतरण गिरोह का अब अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन सामने आ गया है। पुलिस जांच में यह सनसनीखेज खुलासा हुआ है कि इस गिरोह को दुबई से फंडिंग की जा रही थी और इसमें पाकिस्तान का सीधा हस्तक्षेप है। दुबई में रहने वाले पाकिस्तानी नागरिक तहसीन और तनवीर, साथ ही दिल्ली निवासी सुलेमान इस गिरोह को आर्थिक सहायता देने के साथ-साथ ऑनलाइन दीनी तालीम के जरिए युवाओं का ब्रेनवॉश कर धर्मांतरण के लिए उकसाते थे।

इस बात की पुष्टि गिरोह के संपर्क में रही दो युवतियों से हुई है। इनमें एक बरेली की रहने वाली है जबकि दूसरी युवती उत्तराखंड की राजधानी देहरादून की है। पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में बरेली की युवती ने स्वीकार किया कि वह गिरोह के लिए काम करने लगी थी और कई युवाओं को जाल में फंसा चुकी थी। वहीं, देहरादून की युवती को गिरोह ने फुसलाने की कोशिश की थी लेकिन वह धर्मांतरण के लिए तैयार नहीं हुई, जिससे वह इस संगठित प्रयास की शिकार तो बनी लेकिन उस दलदल में पूरी तरह नहीं उतरी।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह गिरोह केवल धार्मिक परिवर्तन तक सीमित नहीं था, बल्कि इसके तार राष्ट्रविरोधी गतिविधियों से भी जुड़े हो सकते हैं। अब तक की जांच में पता चला है कि पाकिस्तान से जुड़े कुछ प्रतिबंधित संगठनों के साथ भी गिरोह की गतिविधियों की कड़ी जुड़ी हो सकती है। इस ऐंगल से एटीएस और खुफिया एजेंसियां अब जांच को आगे बढ़ा रही हैं।

धर्मांतरण का यह नेटवर्क कई राज्यों में फैला हुआ था। गिरोह के मास्टरमाइंड जमालुद्दीन उर्फ छांगुर पहले ही गिरफ्तार हो चुका है। उस पर तीन हजार से अधिक लोगों का जबरन या छलपूर्वक धर्मांतरण कराने का आरोप है। उसके खिलाफ कई जिलों में केस दर्ज हैं और अब अंतरराष्ट्रीय वित्तीय लेन-देन की भी जांच शुरू कर दी गई है।

इस पूरे मामले पर यूपी एटीएस, खुफिया विभाग और केंद्र की एजेंसियां भी नजर बनाए हुए हैं। अधिकारियों का कहना है कि यह केवल अवैध धर्मांतरण का मामला नहीं, बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा से भी जुड़ा बड़ा खतरा है। इस गिरोह ने स्लीपर सेल की तरह काम किया है, जिसमें ऑनलाइन माध्यमों का जमकर उपयोग हुआ।

सरकार ने पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए जांच एजेंसियों को निर्देश दिए हैं कि इस नेटवर्क की जड़ तक पहुंचा जाए और इसमें शामिल हर व्यक्ति को कानून के कटघरे में लाया जाए। आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां और खुलासे हो सकते हैं।

Ask ChatGPT

Share this story

Tags