शिवरात्रि पर मेरठ जोन के सात जिलों में 35 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किया जलाभिषेक, कांवड़ यात्रा रही केंद्र में
श्रावण मास के पवित्र पर्व महाशिवरात्रि के अवसर पर कांवड़ यात्रा के प्रभाव के चलते मेरठ जोन के सात जिलों में 35,78,856 श्रद्धालुओं ने विभिन्न शिवालयों और मंदिरों में भगवान शिव का जलाभिषेक किया। श्रद्धा और आस्था के इस महासागर में शिव भक्तों की उत्साहजनक भागीदारी देखने को मिली।
श्रद्धालुओं ने तड़के से ही मंदिरों में पहुंचकर पूजा-अर्चना शुरू कर दी। कांवड़ यात्रा के चलते इस बार शिवरात्रि पर भक्तों की संख्या पिछले वर्षों की तुलना में कहीं अधिक रही। मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, सहारनपुर और मुज़फ्फरनगर जिलों में कांवड़ियों और स्थानीय भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी।
प्रशासन की ओर से भी इस विशाल आयोजन के लिए कड़े सुरक्षा और यातायात प्रबंधन के इंतजाम किए गए थे। जगह-जगह पुलिस बल, होमगार्ड और वॉलंटियर तैनात किए गए थे। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीमें और एंबुलेंस सेवा भी मुस्तैद रहीं।
अधिकांश श्रद्धालु गंगा जल लेकर कांवड़ यात्रा के माध्यम से शिव मंदिरों में पहुंचे और भगवान शिव का जलाभिषेक किया। मंदिरों में ओम नम: शिवाय, हर हर महादेव और बम बम भोले के जयघोष गूंजते रहे। शिवालयों को फूलों और रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया था।
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बावजूद कहीं से कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली, जिससे प्रशासन और स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली। प्रशासन का दावा है कि पूरी व्यवस्था शांतिपूर्ण और सफलतापूर्वक संपन्न कराई गई।
इस अवसर पर कई धार्मिक संस्थाओं और सामाजिक संगठनों ने श्रद्धालुओं के लिए जलपान, मेडिकल सहायता और विश्राम केंद्र की भी व्यवस्था की थी। श्रद्धालुओं ने भी प्रशासन की व्यवस्था की सराहना की।
मेरठ जोन में शिवरात्रि पर उमड़ी यह भारी भीड़ यह दर्शाती है कि कांवड़ यात्रा और शिव भक्ति की परंपरा न केवल जीवंत है, बल्कि हर वर्ष और भी अधिक मजबूत होती जा रही है। श्रद्धालुओं की श्रद्धा और प्रशासन की सजगता ने इस पर्व को एक बार फिर सफल और यादगार बना दिया।

