मानसून सत्र के पहले दिन सपा का अनोखा विरोध, सरकार की नीतियों पर जमकर बरसे विधायक
उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायकों ने सरकार की नीतियों के खिलाफ अनोखे तरीके से विरोध दर्ज कराया। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सपा सदस्य नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए और अपने हाथों में तख्तियां और बैनर लेकर सरकार पर हमला बोला।
सपा विधायकों का कहना था कि वर्तमान सरकार किसानों, युवाओं और गरीबों के मुद्दों को नज़रअंदाज कर रही है। उन्होंने बेरोज़गारी, महंगाई, कानून-व्यवस्था और किसानों की समस्याओं को लेकर गंभीर चिंता जताई। सपा नेताओं का आरोप था कि प्रदेश में बेरोज़गारी की दर लगातार बढ़ रही है, जबकि सरकार रोजगार सृजन के अपने वादों को पूरा करने में नाकाम रही है।
इस विरोध के दौरान सपा सदस्यों ने महंगाई पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थों, पेट्रोल-डीजल और बिजली दरों में बढ़ोतरी से आम जनता की कमर टूट गई है, लेकिन सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही।
कानून-व्यवस्था को लेकर भी सपा विधायकों ने सरकार को घेरा। उन्होंने दावा किया कि प्रदेश में अपराध का ग्राफ लगातार ऊपर जा रहा है और महिलाएं सुरक्षित महसूस नहीं कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार केवल आंकड़ों के खेल में व्यस्त है, जबकि जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग है।
विधानसभा अध्यक्ष ने सपा विधायकों से शांति बनाए रखने और चर्चा के दौरान अपनी बात रखने की अपील की, लेकिन विरोध जारी रहने पर कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित करनी पड़ी।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह विरोध आने वाले दिनों में और तेज़ हो सकता है, क्योंकि मानसून सत्र में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होनी है। सपा का यह रुख साफ संकेत देता है कि पार्टी सरकार को हर मुद्दे पर घेरने की रणनीति पर काम कर रही है।

