सावन माह की शुभ तिथि पर सर्पों और मनसा देवी की होती है पूजा, लखनऊ में गुड़िया पीटने की परंपरा
सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को पूरे देश में नाग पंचमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार विशेष रूप से सर्पों की पूजा का दिन माना जाता है। इस दिन लोग सर्पों की अधिष्ठात्री देवी मनसा देवी की भी आराधना करते हैं, जिनकी कृपा से जीवन में सुरक्षा और समृद्धि का वास होता है।
नाग पंचमी का धार्मिक महत्व
नाग पंचमी हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र तिथि मानी जाती है। प्राचीन काल से ही इसे सर्पों की रक्षा और सम्मान के रूप में देखा जाता है। माना जाता है कि इस दिन की गई पूजा से सर्पदंश से सुरक्षा मिलती है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। मनसा देवी की पूजा से रोग-व्याधि और संकटों से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।
लखनऊ की अनोखी परंपरा: गुड़िया पीटना
लखनऊ में नाग पंचमी के दिन एक अनोखी परंपरा भी प्रचलित है, जिसे 'गुड़िया पीटना' कहा जाता है। इस परंपरा के अनुसार, लोगों द्वारा लकड़ी की बनी गुड़िया को पीटा जाता है, जिससे बुरी शक्तियों का नाश होता है और घर-परिवार में खुशहाली आती है। यह रिवाज धार्मिक आस्था के साथ-साथ सांस्कृतिक विरासत का भी हिस्सा है।
इस वर्ष के शुभ योग
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस बार नाग पंचमी तिथि पर कई शुभ योग बन रहे हैं। इसमें शिव योग, रवि योग, और लक्ष्मी योग शामिल हैं, जो इस पर्व की महत्ता को और बढ़ा देते हैं। इसके साथ ही मंगला गौरी व्रत का शुभ संयोग भी बन रहा है, जो परिवार की खुशहाली और समृद्धि के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
पूजा का शुभ मुहूर्त
नाग पंचमी की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 05:41 बजे से 08:23 बजे तक का है। इस समय के दौरान पूजा-अर्चना करने से खास प्रभाव माना जाता है और पूजा फलदायी होती है। भक्त इस दौरान सर्पों की पूजा के साथ-साथ मनसा देवी की आराधना करते हैं।
नाग पंचमी का यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह प्रकृति और जीव-जंतुओं के प्रति सम्मान की भावना को भी प्रकट करता है। इस दिन लोग सर्पों को दूध, फूल, और मिठाइयां अर्पित करते हैं तथा उन्हें नुकसान पहुंचाने से बचते हैं।

