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बरेली में सपा नेता का आपत्तिजनक वीडियो वायरल, कार्रवाई की मांग तेज

बरेली में सपा नेता का आपत्तिजनक वीडियो वायरल, कार्रवाई की मांग तेज

समाजवादी पार्टी (सपा) की बरेली कैंट विधानसभा इकाई में अंतर्कलह खुलकर सामने आ गई है। इस बार विवाद की वजह बने हैं सपा कैंट विधानसभा अध्यक्ष रोहित राजपूत, जिनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में रोहित राजपूत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते दिखाई दे रहे हैं। इस मामले ने जिले की सियासत में हलचल मचा दी है।

वीडियो के सामने आने के बाद हिंदू संगठनों और विशेष रूप से हनुमान दल के पदाधिकारियों ने कड़ी नाराज़गी जताई है। हनुमान दल के पदाधिकारियों ने रोहित राजपूत के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग करते हुए प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है। उनका कहना है कि इस तरह की भाषा न सिर्फ राजनैतिक मर्यादाओं को तोड़ती है, बल्कि इससे आम जनता की भावनाएं भी आहत होती हैं।

वीडियो में देखे गए बयान में रोहित राजपूत ने कथित रूप से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को लेकर अपशब्द कहे, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर भी तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। विरोधियों ने सपा नेतृत्व से भी सवाल पूछे हैं कि क्या पार्टी इस प्रकार के नेताओं का समर्थन करती है। वहीं, सपा के भीतर भी इस घटना को लेकर मतभेद सामने आए हैं। कुछ स्थानीय नेताओं ने रोहित की टिप्पणी से असहमति जताई है और पार्टी की छवि को नुकसान होने की बात कही है।

प्रशासन और पुलिस की प्रतिक्रिया:

अब तक इस मामले में कोई आधिकारिक एफआईआर दर्ज नहीं हुई है, लेकिन पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वायरल वीडियो की जांच की जा रही है। यदि वीडियो को लेकर कोई शिकायत मिलती है, तो साक्ष्यों के आधार पर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

सपा में अंतर्कलह की आहट:

यह कोई पहली बार नहीं है जब रोहित राजपूत विवादों में आए हों। पूर्व में भी वे संगठनात्मक कार्यशैली को लेकर सवालों के घेरे में रहे हैं। अब यह मामला पार्टी के भीतर अंतर्कलह को और बढ़ा सकता है, खासकर जब विधानसभा चुनाव की तैयारियों में पार्टी जुटी हुई है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया:

भाजपा और अन्य दलों के नेताओं ने इस मामले को लेकर सपा पर निशाना साधा है। भाजपा प्रवक्ताओं का कहना है कि यह समाजवादी पार्टी की मानसिकता को दर्शाता है, जहां शीर्ष नेताओं के खिलाफ अशोभनीय भाषा का प्रयोग करना सामान्य हो गया है।

अब देखना यह है कि समाजवादी पार्टी इस मामले में क्या रुख अपनाती है। क्या रोहित राजपूत पर कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी या फिर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा – यह आने वाला समय बताएगा।

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