अब BA पास विद्यार्थी भी कर सकता है MSc, ढाई साल में मिल जाएगी तीन साल वाली डिग्री

लखनऊ विश्वविद्यालय में नए सत्र से तीन साल की डिग्री महज ढाई साल में हासिल की जा सकेगी। इसके लिए ग्रेजुएशन अध्यादेश में बदलाव किया जा रहा है। इसके लिए छात्र को जरूरी क्रेडिट पूरे करने होंगे। जरूरी क्रेडिट पूरे होते ही परीक्षा देकर डिग्री प्रदान की जाएगी। लखनऊ विश्वविद्यालय की डीन एकेडमिक्स प्रोफेसर गीतांजलि मिश्रा के मुताबिक नई शिक्षा नीति में छात्र केंद्रित शिक्षा की बात कही गई है। इसमें फ्लो बैरियर को हटा दिया गया है। इसके बाद अब बीए पास छात्र भी एमएससी की पढ़ाई कर सकेंगे। इस साल से लखनऊ विश्वविद्यालय नया बदलाव करने जा रहा है। अगर कोई छात्र मेधावी है और कम समय में तीन साल का कोर्स करना चाहता है तो उसे यह सुविधा मिलेगी। छात्र को कोर्स के लिए जरूरी क्रेडिट ही हासिल करने होंगे। क्रेडिट से मतलब उस विषय में एक हफ्ते में पढ़ाई गई कक्षाओं से है। अगर छात्र इन कक्षाओं के साथ-साथ किसी प्रोजेक्ट, असाइनमेंट या सेमिनार आदि के जरिए क्रेडिट हासिल करता है तो उसे भी डिग्री की गणना में शामिल किया जाता है। इस आधार पर छात्र को तीन साल से कम समय में डिग्री प्राप्त करने की अनुमति दी जाती है। इसे संक्षिप्त डिग्री प्रोग्राम कहा जाता है।
कोर्स की अवधि बढ़ाने की सुविधा भी मिलेगी
संक्षिप्त डिग्री प्रोग्राम के साथ ही विस्तारित डिग्री प्रोग्राम भी शुरू किया जाएगा। इसमें डिग्री की अवधि कम करने की बजाय उसे छह महीने बढ़ाने का भी मौका मिलता है। इसमें छात्र विस्तारित अवधि में जरूरी क्रेडिट हासिल कर लेता है।
पेशेवर अनुभव को क्रेडिट में बदला जा सकेगा
नई शिक्षा नीति में यह भी प्रावधान है कि पढ़ाई छोड़ने के बाद छात्र अकादमिक क्रेडिट बैंक के जरिए दोबारा वहीं से शुरुआत कर सकता है। साथ ही यह सुविधा भी मिलती है कि पेशेवर अनुभव वाले छात्र को पढ़ाई में भी इसका लाभ मिले। अगर किसी व्यक्ति ने किसी क्षेत्र में काम किया है तो उसके अनुभव को क्रेडिट में बदलने का भी प्रावधान है। विश्वविद्यालय उस छात्र के क्रेडिट का मूल्यांकन कर उसे अपने अकादमिक क्रेडिट बैंक में जोड़ेगा। इस तरह उसे पढ़ाई में पेशेवर अनुभव का लाभ भी मिलेगा। अध्यादेश में इसे भी शामिल किया जा रहा है।