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पद्म पुरस्कार 2026 के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू, कानपुर से दो नामों की संस्तुति

पद्म पुरस्कार 2026 के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू, कानपुर से दो नामों की संस्तुति

भारत सरकार द्वारा प्रदान किए जाने वाले प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कार 2026 के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस बार जिलों से नाम भेजने का सिलसिला जारी है और कानपुर से दो नामों की पद्मश्री पुरस्कार के लिए संस्तुति की गई है। इनमें एक नाम कला जगत से जुड़ा है तो दूसरा समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले व्यक्तित्व का है।

कानपुर के जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने इस बार पद्म पुरस्कार के लिए दो नामों को राज्य और केंद्र सरकार को भेजने की सिफारिश की है। पहली संस्तुति धनीराम पैंथर के लिए की गई है, जो वर्षों से लावारिस शवों का निःस्वार्थ भाव से दाह संस्कार करते आ रहे हैं। उनकी इस अनमोल सेवा को विशेष रूप से मान्यता देने के उद्देश्य से उन्हें पद्मश्री पुरस्कार की अनुशंसा की गई है। धनीराम की यह सेवा समाज में मानवीय संवेदनाओं को जागृत करती है और मानवता के लिए मिसाल प्रस्तुत करती है।

दूसरा नाम रंजीत सिंह का है, जो ताम्रपत्र पर चित्रकारी के क्षेत्र में विशेष कौशल रखते हैं। उनकी कलाकृति राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराही गई है। जिलाधिकारी ने उन्हें विशिष्ट कला क्षेत्र में पद्मश्री पुरस्कार के लिए चयनित किया है। रंजीत सिंह की ताम्रपत्र पर चित्र उकेरने की कला एक विरासत के रूप में जानी जाती है और यह भारतीय कला संस्कृति को विश्व स्तर पर प्रस्तुत करती है।

जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि दोनों ही व्यक्ति अपने-अपने क्षेत्रों में अत्यंत विशिष्ट और उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि पद्म पुरस्कार न केवल इन व्यक्तियों की मेहनत और समर्पण को सम्मानित करता है, बल्कि समाज और देश के लिए प्रेरणा भी प्रदान करता है।

पद्म पुरस्कार के लिए नामांकन प्रक्रिया में अब जिला स्तर से चयनित नामों को राज्य और फिर केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा, जहाँ एक विशेषज्ञ समिति द्वारा अंतिम चयन किया जाएगा। इस बार भी विभिन्न क्षेत्रों जैसे कला, साहित्य, समाज सेवा, विज्ञान, शिक्षा और खेल आदि में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया जाएगा।

कानपुर जिले में पद्म पुरस्कार की यह संस्तुति स्थानीय समाज में उत्साह और गर्व का विषय बनी हुई है। सामाजिक संगठनों और कला समुदाय ने दोनों नामांकित व्यक्तियों को बधाई दी है और उम्मीद जताई है कि केंद्र सरकार उनकी इस सेवा और कला को उचित सम्मान देगी।

इस बार पद्म पुरस्कार के लिए नामांकन की प्रक्रिया में लोगों की भागीदारी भी बढ़ाने के लिए प्रशासन ने विशेष पहल की है। जिलाधिकारी ने आम नागरिकों से भी अनुरोध किया है कि वे यदि किसी योग्य व्यक्ति को जानते हों तो उसके नाम की जानकारी संबंधित अधिकारियों को दें।

पद्म पुरस्कार भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाला तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो देश की सेवा में असाधारण योगदान देने वाले व्यक्तियों को दिया जाता है। यह सम्मान हर साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रदान किया जाता है।

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