आनंद ने बताया कि निर्धारित अवधि से ज्यादा ड्यूटी करने से सुरक्षाकर्मी चिड़चिड़े हो जाते हैं और उनका व्यवहार भी सामान्य नहीं रह जाता है। सीआरपीएफ के जवानों को भी कभी-कभी निर्धारित घंटों से ज्यादा काम करना पड़ता है, लेकिन वहां भी उनका व्यवहार सामान्य बना रहता है। सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि,आम सुरक्षाकर्मियों के लिए नियमित अंतराल पर मानसिक परेशानियों से निकलने के लिए सेमिनार का आयोजन हो तथा निर्धारित घंटों से ज्यादा काम न लिया जाए तो इस समस्या से बचा जा सकता है।मीडिया रिपेार्ट के अनुसार ,आम सुरक्षाकर्मियों के खानपान का पूरा ध्यान रखा जाए। साथ ही आम निवासी भी सुरक्षाकर्मियों से प्यार से बात करें, तो उनके बीच आपसी लगाव बढ़ेगा और किसी भी स्थिति में मारपीट की नौबत नहीं आएगी। विचारों का आदान-प्रदान :
प्रो. सिंह ने बताया कि मानसिक परेशानियों के चलते आम सुरक्षाकर्मियों के मन में कुंठा बैठ जाती है। थाट रिप्लेसिग प्रक्रिया के सहारे इस कमी को बेहद आसानी से दूर किया जा सकता है।