बेरोजगारी के मुद्दे पर विपक्ष के घेरे में नीतीश सरकार, सीएम ने 7468 महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को सौंपे नियुक्ति पत्र
हार में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए राजनीतिक सरगर्मी तेज होती जा रही है। एक ओर जहाँ विपक्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बेरोजगारी, रोजगार और राज्य से पलायन के मुद्दों पर लगातार घेर रहा है, वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए बड़े पैमाने पर रोजगार देने के प्रयास कर रहे हैं।
इसी कड़ी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को 7468 नवनियुक्त महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (एएनएम) को नियुक्ति पत्र सौंपकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित ‘संवाद’ में एक भव्य नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी और नवचयनित एएनएम कार्यकर्ता भी मौजूद रहीं।
बेरोजगारी पर विपक्ष का प्रहार
राज्य में बढ़ती बेरोजगारी, शिक्षित युवाओं का पलायन और रोजगार के अभाव को लेकर विपक्ष सरकार को लगातार कठघरे में खड़ा कर रहा है। विपक्षी दल यह आरोप लगाते रहे हैं कि नीतीश सरकार पिछले दो दशकों में युवाओं को स्थायी और सम्मानजनक रोजगार देने में विफल रही है। वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस आलोचना का जवाब योजनागत नियुक्तियों और विकास योजनाओं से देने की कोशिश कर रहे हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के उद्देश्य से यह नियुक्ति की गई है। “महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की भूमिका ग्रामीण क्षेत्रों में अत्यंत महत्वपूर्ण है। इनकी मौजूदगी से मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी आएगी और लोगों को बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं सुलभ होंगी,” नीतीश कुमार ने कहा।
उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार आने वाले दिनों में अन्य विभागों में भी बड़े स्तर पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने जा रही है, ताकि युवाओं को सरकारी सेवाओं में रोजगार मिल सके।
लगातार हो रही हैं नियुक्तियां
बिहार सरकार ने हाल ही में शिक्षकों और सिपाहियों की भर्ती प्रक्रिया को भी पूरा किया है। हजारों शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपे जा चुके हैं और पुलिस बल को भी नए जवान मिल चुके हैं। इन भर्तियों को सरकार ने राज्य में रोजगार सृजन के अहम प्रयास के रूप में प्रस्तुत किया है।
चुनाव से पहले छवि सुधार की कोशिश
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इन नियुक्तियों के ज़रिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आगामी विधानसभा चुनाव से पहले अपनी सरकार की जनकल्याणकारी और रोजगारोन्मुखी छवि को मजबूत करना चाहते हैं। यह नियुक्तियां सरकार की उपलब्धियों के रूप में जनता के सामने प्रस्तुत की जाएंगी।

