पनकी लॉजिस्टिक्स पार्क से 4 करोड़ की निकिल चोरी: हरियाणा के संदीप लोहार और उसके गैंग की साजिश बेनकाब, दो आरोपी गिरफ्तार

पनकी के लॉजिस्टिक्स पार्क से 16 मार्च को करीब चार करोड़ रुपये मूल्य की निकिल चोरी की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है। इस हाई-प्रोफाइल चोरी की साजिश हरियाणा के रोहतक जिले के भेहणी महाराजपुर निवासी संदीप लोहार ने अपने दो भाइयों और साथियों के साथ मिलकर रची थी। इस सनसनीखेज मामले में पुलिस ने संदीप के भाई मंदीप लोहार और 50 हजार रुपये के इनामी बदमाश रमेश उर्फ काला लोहार को गिरफ्तार कर लिया है।
पनकी थाना पुलिस की जांच में सामने आया कि संदीप लोहार ने अपने गिरोह के साथ मिलकर लॉजिस्टिक्स पार्क से निकिल से भरे एक कंटेनर को निशाना बनाया था। 16 मार्च को हुई इस बड़ी चोरी में कंटेनर में भरी निकिल की कीमत करीब चार करोड़ रुपये आंकी गई थी। इस घटना के बाद से पुलिस की कई टीमें लगातार छानबीन में जुटी थीं।
पुलिस को जांच के दौरान टेक्निकल सर्विलांस और घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज से अहम सुराग मिले, जिनके आधार पर संदिग्धों की पहचान की गई। इसके बाद हरियाणा और उत्तर प्रदेश में कई जगह दबिश दी गई, जिसके तहत संदीप लोहार के भाई मंदीप और काला लोहार को हिरासत में लिया गया।
पकड़ा गया काला लोहार एक शातिर अपराधी है, जिस पर पहले से कई आपराधिक मामले दर्ज हैं और वह पचास हजार रुपये का इनामी भी था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस गिरोह ने पहले कंटेनर की मूवमेंट और पार्किंग स्थल का बारीकी से अध्ययन किया, फिर योजनाबद्ध तरीके से वाहन को चोरी कर फरार हो गए।
चोरी के बाद कंटेनर को अलग स्थान पर ले जाकर उसमें भरी निकिल की खेप को बेचने की कोशिश की गई थी। हालांकि, पुलिस के दबाव और सतर्कता के चलते गिरोह के मंसूबे पूरी तरह सफल नहीं हो पाए।
पनकी थाना प्रभारी ने बताया कि मामले में मुख्य साजिशकर्ता संदीप लोहार की गिरफ्तारी के प्रयास तेज़ कर दिए गए हैं। पुलिस उसकी लोकेशन ट्रेस कर रही है और संभावना है कि जल्द ही उसे भी दबोच लिया जाएगा।
पुलिस की इस सफलता को बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है, क्योंकि लॉजिस्टिक्स पार्क में आए दिन हो रही चोरी की वारदातों से व्यापारियों और उद्योगपतियों में चिंता बढ़ती जा रही थी। इस गिरफ्तारी से न सिर्फ गिरोह का पर्दाफाश हुआ है, बल्कि लॉजिस्टिक्स हब की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी गंभीर सवाल उठे हैं।
वर्तमान में पुलिस गिरोह के बाकी सदस्यों और चोरी के माल की बरामदगी के लिए आगे की जांच में जुटी है। साथ ही यह भी पड़ताल की जा रही है कि क्या इस गिरोह का संबंध अंतरराज्यीय आपराधिक नेटवर्क से भी है।