पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के खिलाफ बिजलीकर्मियों का राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन आज, किसानों से भी समर्थन की अपील

उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के संभावित निजीकरण के विरोध में बिजलीकर्मी आज बुधवार को राष्ट्रव्यापी स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। इस प्रदर्शन को लेकर प्रदेशभर में बिजली विभाग के दफ्तरों और उपकेंद्रों पर चौकसी बढ़ा दी गई है, वहीं कई संगठनों और किसान नेताओं ने भी समर्थन देने की घोषणा की है।
निजीकरण के विरोध में लामबंद हुए बिजली कर्मचारी
बिजली विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजी हाथों में सौंपे जाने की तैयारी आम उपभोक्ताओं के हितों के खिलाफ है। उनका दावा है कि इससे न केवल बिजली दरों में बेतहाशा बढ़ोतरी होगी, बल्कि कर्मचारियों की नौकरियों और सुविधाओं पर भी संकट आएगा।
प्रदर्शन में अखिल भारतीय विद्युत मजदूर महासंघ, उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन, विद्युत अधिकारी महासंघ सहित अन्य संगठनों के कर्मचारी हिस्सा लेंगे। प्रदर्शन राज्य की सभी जिला मुख्यालयों और ऊर्जा निगम के कार्यालयों पर आयोजित किए जाएंगे।
किसानों से भी मिला समर्थन
इस विरोध प्रदर्शन को किसानों का भी समर्थन मिला है। क्रांतिकारी किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. दर्शन पाल ने एक बयान जारी कर कहा कि,
"बिजली का निजीकरण किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए एक और बोझ बनने जा रहा है। हम बिजलीकर्मियों के इस आंदोलन का पूरी तरह समर्थन करते हैं और किसानों से अपील करते हैं कि वे इस संघर्ष में उनका साथ दें।"
डॉ. पाल ने यह भी कहा कि निजी कंपनियों के आने से गांवों और खेतों तक सस्ती और लगातार बिजली पहुंचना मुश्किल हो जाएगा, जिससे कृषि कार्य प्रभावित होंगे।
प्रशासन सतर्क, आम जनता को सतर्कता की सलाह
प्रदर्शन के मद्देनजर प्रशासन और पुलिस विभाग अलर्ट मोड पर है। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी ज़िलों में कंट्रोल रूम सक्रिय कर दिए गए हैं। राज्य सरकार ने आम जनता से अपील की है कि वे बिजली आपूर्ति में अस्थायी व्यवधान को लेकर सतर्क रहें और अनावश्यक रूप से विवाद में न उलझें।