एमएसएमई फॉर भारत मंथन: छोटे और मध्यम उद्यमियों के भविष्य पर केंद्रित परिचर्चा
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के विकास, उनके सामने आने वाली चुनौतियों और नए अवसरों की पहचान के लिए आयोजित एमएसएमई फॉर भारत मंथन कार्यक्रम में प्रदेश के उद्यमियों और विशेषज्ञों ने भाग लिया। कार्यक्रम का आयोजन उद्यमियों को मार्गदर्शन देने और व्यवसाय को विस्तार देने के नए अवसर तलाशने के उद्देश्य से किया गया। इस मौके पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह उपस्थित रहे।
पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि अब प्रदेश में कारोबारियों के लिए पूरी सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है, जिससे उद्यमियों को अपने व्यापार को सुचारू रूप से चलाने में आसानी हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार व्यवसायिक वातावरण को सुधारने और उद्यमियों के लिए निवेश-friendly नीतियां बनाने की दिशा में लगातार प्रयास कर रही है। मंत्री ने यह भी बताया कि एमएसएमई क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं, और यह क्षेत्र अर्थव्यवस्था की रीढ़ की तरह है।
कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने एमएसएमई के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। इसमें वित्तीय चुनौतियां, तकनीकी नवाचार, विपणन की नई रणनीतियां और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में टिके रहने की संभावनाओं को प्रमुख रूप से शामिल किया गया। इसके अलावा, डिजिटलाइजेशन और ई-कॉमर्स के माध्यम से व्यवसाय को बढ़ाने के उपायों पर भी प्रकाश डाला गया।
उद्यमियों ने अपने अनुभव साझा किए और बताया कि छोटे और मध्यम उद्योगों को वित्तीय सहायता, कच्चे माल की उपलब्धता और विपणन के लिए बेहतर प्लेटफॉर्म की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि एमएसएमई क्षेत्र में सरकारी योजनाओं और सब्सिडी का सही उपयोग कर व्यवसाय को और सशक्त बनाया जा सकता है।
कार्यक्रम के दौरान कई स्टार्टअप और छोटे व्यवसायों को इनोवेशन और बिजनेस मॉडल प्रेजेंटेशन के लिए भी अवसर दिया गया। इससे न केवल उद्यमियों को अपने विचार साझा करने का मौका मिला, बल्कि संभावित निवेशकों के साथ नेटवर्किंग करने का भी अवसर मिला।
विशेषज्ञों का मानना है कि एमएसएमई क्षेत्र में नई तकनीकों और नवाचार को अपनाने से न केवल व्यवसाय में वृद्धि होगी, बल्कि रोजगार सृजन में भी मदद मिलेगी। उन्होंने उद्यमियों को डिजिटल प्लेटफॉर्म, ऑनलाइन मार्केटिंग और उत्पाद विविधीकरण के महत्व पर जोर दिया।
पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि प्रदेश में निवेश और व्यवसाय के लिए अनुकूल माहौल बनाने पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने उद्यमियों को प्रोत्साहित किया कि वे अपने व्यवसाय में नए विचारों को अपनाएं और युवा प्रतिभाओं को रोजगार देने में योगदान दें। मंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि सरकार एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए हर संभव मदद करेगी।
कार्यक्रम का उद्देश्य केवल चर्चा करना नहीं था, बल्कि उद्यमियों के लिए व्यवसायिक अवसरों की पहचान और उनका विस्तार करना भी था। इस मंथन से यह स्पष्ट हुआ कि एमएसएमई क्षेत्र में अभी भी अपार संभावनाएं मौजूद हैं और यदि सही दिशा और संसाधन मिले, तो यह क्षेत्र प्रदेश की आर्थिक मजबूती में अहम योगदान दे सकता है।
एमएसएमई फॉर भारत मंथन कार्यक्रम ने उद्यमियों को न केवल अपने व्यवसाय की चुनौतियों और अवसरों को समझने का मंच प्रदान किया, बल्कि उन्हें प्रेरित भी किया कि वे नवाचार और स्थिरता के साथ आगे बढ़ें।

