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सास ने विधवा बहू की शादी कर समाज को दिया प्रेरक उदाहरण

सास ने विधवा बहू की शादी कर समाज को दिया प्रेरक उदाहरण

बरौली अहीर क्षेत्र में हुई एक शादी चर्चा का विषय बन गई है। यहां एक सास ने अपनी विधवा बहू के लिए लड़का ढूंढा और उसकी शादी धूमधाम से कर समाज के सामने एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया। इस विवाह ने पारंपरिक रूढ़िवाद और सामाजिक सीमाओं को चुनौती देते हुए परिवार और समाज में सकारात्मक संदेश दिया है।

स्थानीय लोगों के अनुसार, सास ने बहू की मां की भूमिका निभाते हुए अपनी बहू के विवाह की सभी रस्मों को पूरा किया। उन्होंने स्वयं कन्यादान किया और अन्य पारंपरिक समारोहों को निभाया। इस तरह सास ने यह दिखाया कि परिवार में सास का प्रेम और समर्थन बहू के जीवन में नई शुरुआत के लिए कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

विवाह समारोह में ग्रामीण समाज के लोग भी उपस्थित रहे और इस अनूठी पहल की सराहना की। लोगों ने कहा कि सास का यह कदम समाज में धूमधाम से विधवा बहुओं के विवाह को स्वीकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण संदेश देता है। उन्होंने यह भी कहा कि यह पहल अन्य परिवारों के लिए भी प्रेरणा बन सकती है।

विवाह के बाद सास ने बहू को उसके नए ससुराल विदा किया। विदाई के समय परिवार और समाज के लोग भावुक हो गए। सास ने कहा कि वह अपनी बहू के लिए हमेशा मौजूद रहेगी और उसके नए जीवन की खुशियों में बराबर की भागीदार बनी रहेगी।

विशेषज्ञों का कहना है कि समाज में विधवा बहुओं के पुनर्विवाह को लेकर अक्सर रूढ़िवादी सोच होती है। ऐसे मामलों में परिवार का समर्थन और सामाजिक स्वीकृति बहुत मायने रखती है। इस सास की पहल ने यह साबित किया कि परिवार के प्रेम और सहयोग से किसी भी सामाजिक बाधा को पार किया जा सकता है।

स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इस विवाह की सराहना की। उनका कहना है कि समाज को इस तरह की सकारात्मक कहानियों से प्रेरणा लेनी चाहिए और महिलाओं के अधिकार और स्वतंत्रता के प्रति जागरूक होना चाहिए। उन्होंने कहा कि विधवा महिलाओं का पुनर्विवाह समाज के लिए एक आवश्यक बदलाव है और यह सामाजिक समरसता को बढ़ाता है।

इस शादी ने न केवल बरौली अहीर क्षेत्र में बल्कि आस-पास के गांवों में भी चर्चा पैदा कर दी है। लोग सास की सोच और बहू के जीवन के प्रति उनके समर्पण की प्रशंसा कर रहे हैं। इस पहल से यह संदेश गया है कि परिवार में सास का प्यार और मार्गदर्शन बहू के जीवन में नई उम्मीद और खुशी ला सकता है।

कुल मिलाकर, आगरा के इस परिवार की अनूठी पहल ने समाज में एक सकारात्मक संदेश दिया है। सास ने अपने बहू के लिए लड़का ढूंढकर और विवाह की पूरी रस्में निभाकर यह साबित किया कि परिवार का समर्थन किसी भी सामाजिक बाधा को पार करने की ताकत रखता है। इस विवाह ने समाज में विधवा महिलाओं के अधिकार, सम्मान और पुनर्विवाह के महत्व को उजागर किया है।

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