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मां ने अपनी छह वर्षीय बेटी का गला घोंटकर हत्या की, तीन वर्षीय बेटे को किया गंभीर रूप से घायल

मां ने अपनी छह वर्षीय बेटी का गला घोंटकर हत्या की, तीन वर्षीय बेटे को किया गंभीर रूप से घायल

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के मेंहनगर थाना क्षेत्र स्थित गौरा गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक मां ने अपनी छह वर्षीय बेटी का गला घोंटकर हत्या कर दी, जबकि अपने तीन वर्षीय बेटे को गंभीर रूप से घायल कर दिया। घायल बेटा फिलहाल आजमगढ़ के एक निजी अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहा है।

पुलिस के अनुसार, यह घटना सोमवार रात को हुई, जब गांव के कुछ लोग शोर सुनकर घटना स्थल पर पहुंचे। वहां उन्होंने पाया कि मां ने अपनी बेटी की हत्या कर दी थी और बेटे को भी गंभीर रूप से घायल कर दिया था। मृतक बच्ची की पहचान श्वेता के रूप में हुई है, जबकि घायल बेटे का नाम विकास है। विकास की हालत नाजुक बनी हुई है और उसे तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया।

घटना की जानकारी
मां ने अपनी बेटी की हत्या क्यों की, यह अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है। पुलिस के मुताबिक, यह घटना घरेलू विवाद या मानसिक तनाव के कारण हो सकती है, लेकिन मां ने अपनी बेटी को जान से मारने के बाद बेटे को भी घायल कर दिया, जिससे यह मामला और भी जटिल हो गया है। परिवार में इस प्रकार की घटना की वजह से गांव में सनसनी फैल गई है।

मां की पहचान सीता देवी के रूप में हुई है, जो घटना के बाद से लापता थी। पुलिस ने जानकारी मिलने पर सीता देवी को गिरफ्तार कर लिया है, और मामले की छानबीन शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार, आरोपी महिला का मानसिक स्वास्थ्य खराब था, और परिवारिक समस्याओं के चलते उसने यह भयंकर कदम उठाया।

पुलिस की कार्रवाई
आजमगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि महिला के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है और पुलिस जांच कर रही है। घटना के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और घायल बेटे का इलाज जारी है। इसके अलावा, पुलिस महिला के मानसिक स्वास्थ्य की जांच कर रही है, ताकि घटना के कारणों का सही पता चल सके।

समाज में गहरी चिंता
यह घटना समाज में मानसिक स्वास्थ्य और घरेलू तनाव के मुद्दे को उजागर करती है। कई बार मानसिक दबाव और घरेलू समस्याएं इस प्रकार के भयावह परिणामों को जन्म देती हैं। यह घटना परिवारों के भीतर बढ़ते तनाव और मानसिक स्वास्थ्य के मामले को लेकर गंभीर सवाल उठाती है।

कई विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए मानसिक स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देना और घरेलू समस्याओं को सुलझाने के लिए उचित मार्गदर्शन आवश्यक है। इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित किया कि मानसिक और भावनात्मक समस्याएं अगर समय रहते न पहचानी जाएं, तो उनका परिणाम बहुत खतरनाक हो सकता है।

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