Samachar Nama
×

एग्जाम से पहले हुई मां की हुई मौत, शव के पैर छु कर देना आया छात्र परीक्षा, भावुक कर रही इस बच्चे की कहानी 

'अब हम किसके लिए जिएं, दो बच्चों को तो कंधा दे ही चुके हैं, हे भगवान! कैसी परीक्षा ले रहे हो...'। यह दर्द भरी आवाज है लखनऊ के रहने वाले विनोद कुमार और उनकी पत्नी मंजू की, जिन्होंने राजस्थान में हुए सड़क हादसे में अपनी तीसरी बेटी जया शर्मा को खो...
afsd

'अब हम किसके लिए जिएं, दो बच्चों को तो कंधा दे ही चुके हैं, हे भगवान! कैसी परीक्षा ले रहे हो...'। यह दर्द भरी आवाज है लखनऊ के रहने वाले विनोद कुमार और उनकी पत्नी मंजू की, जिन्होंने राजस्थान में हुए सड़क हादसे में अपनी तीसरी बेटी जया शर्मा को खो दिया।

विनोद कुमार लखनऊ के अमीनाबाद में कॉस्मेटिक की दुकान चलाते हैं। एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार से विनोद और गृहिणी मंजू के पांच बच्चे थे। पिंकी, सोनाली, अभिषेक, जया और हर्षित। किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। 17 अप्रैल 2014 को बड़ी बेटी सोनाली की हादसे में मौत हो गई। वक्त के साथ जख्म थोड़े भरने लगे, फिर 22 अगस्त 2022 को बेटे अभिषेक की भी सड़क हादसे में जान चली गई। अब जब तीसरी संतान जया की सड़क हादसे में मौत की खबर घर पहुंची तो माता-पिता फिर टूट गए। मां मंजू का एक ही सवाल था। हे भगवान, क्यों? हमसे तीन बच्चे क्यों छीन लिए गए। राजस्थान के बारां में हुआ हादसा

राजस्थान के बारां में शनिवार रात तेज रफ्तार कार ने पिकअप को टक्कर मार दी। हादसे में लखनऊ के कैसरबाग स्थित शिवाजी मार्ग निवासी नमन चतुर्वेदी (25), उनकी साथी लखनऊ निवासी जया शर्मा, गोरखपुर निवासी अंशिका मिश्रा और दिल्ली निवासी राहुल प्रकाश (30) की मौत हो गई। सभी देर रात राजस्थान के कोटा जा रहे थे।

बताया जा रहा है कि कार की रफ्तार काफी तेज थी। बारां के गजनपुरा में हाईवे पर कार अनियंत्रित हो गई और आगे चल रही पिकअप से जा टकराई। हादसे में कार के परखच्चे उड़ गए। उसमें सवार चारों लोग बुरी तरह फंस गए। चीख-पुकार मच गई। राहगीरों ने घटना की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने कार का अगला हिस्सा काटकर चारों को बाहर निकाला। लेकिन तब तक नमन, अंशिका और राहुल की मौत हो चुकी थी। जबकि जया की हालत गंभीर होने पर उसे कोटा के अस्पताल भेजा गया, जहां इलाज के दौरान उसने भी दम तोड़ दिया।

कैंटीन चलाता था नमन

इस हादसे में जया के साथ अमीनाबाद निवासी नमन चतुर्वेदी की भी जान चली गई। वह कैंटीन चलाता था। नमन अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। नमन के पिता राम कुमार चतुर्वेदी एलडीए से बाबू के पद से रिटायर हुए हैं। दो भाई बहनों में नमन छोटा था। बड़ी बहन विदाम है। नमन के चाचा मनोज चतुर्वेदी ने बताया कि वह अपने दोस्तों के साथ घूमने गया था। उसने कहा था कि वह कानपुर दोस्त के जन्मदिन पर अपने घर जाएगा। मां के साथ कानपुर दोस्त के जान की बात करने के लिए। रास्ते में यह दुखद हादसा हो गया। नमन के माता-पिता को किसी तरह इस हादसे की जानकारी हो गई। पता चलते ही मां बेहोश हो गईं। पिता भी सुधबुध खो बैठे।

Share this story

Tags