4500 से अधिक कारतूस बरामद, बिहार पुलिस और STF ने जांच तेज की, सुरक्षा एजेंसियां सतर्क

बिहार में अवैध हथियारों के नेटवर्क को लेकर एक बार फिर सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। हाल ही में बिहार पुलिस और स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की संयुक्त कार्रवाई में 4500 से अधिक कारतूस बरामद किए गए हैं। इतनी बड़ी संख्या में कारतूस की बरामदगी ने प्रशासन और खुफिया एजेंसियों को चौंका दिया है। मामले की विस्तृत और गहन जांच शुरू कर दी गई है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह कारतूस एक संभावित अवैध हथियार सप्लाई नेटवर्क का हिस्सा हो सकते हैं। इस बात की जांच की जा रही है कि इन कारतूसों की आपूर्ति किस उद्देश्य से की जा रही थी, और इसके पीछे कौन-कौन लोग शामिल हैं। इस मामले की जांच में बिहार पुलिस के साथ-साथ राज्य और केंद्रीय खुफिया एजेंसियां भी जुट गई हैं।
कहाँ से और कैसे हुई बरामदगी?
हालांकि अब तक की आधिकारिक जानकारी में कारतूसों की बरामदगी के स्थान और परिस्थितियों का विस्तार से खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन यह साफ है कि ये हाई-कैलिबर और प्रतिबंधित प्रकार के कारतूस हैं, जिनका उपयोग आम तौर पर असामाजिक तत्व, अपराधी गिरोह या माओवादियों द्वारा किया जाता है।
जांच के प्रमुख बिंदु:
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इतनी बड़ी मात्रा में कारतूस किस स्रोत से लाए गए?
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क्या यह किसी बड़े आतंकी या नक्सली नेटवर्क की साजिश का हिस्सा था?
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इसमें स्थानीय या बाहरी तस्करों की संलिप्तता कितनी है?
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क्या ये कारतूस राजनीतिक या चुनावी हिंसा की तैयारी से जुड़े थे?
इन सवालों के जवाब ढूंढने के लिए एजेंसियों ने तकनीकी विश्लेषण, मोबाइल सर्विलांस, बैंकिंग ट्रांजैक्शन, और कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) की जांच शुरू कर दी है।
कड़ी निगरानी और संभावित गिरफ्तारियां
पुलिस के अनुसार, कुछ संदिग्ध लोगों की पहचान की जा चुकी है और जल्द ही गिरफ्तारी हो सकती है। साथ ही जिन क्षेत्रों में यह गतिविधि संचालित होने की आशंका है, वहां कड़ी निगरानी रखी जा रही है। रेलवे, बस स्टैंड, गोदामों और ट्रांसपोर्ट कंपनियों की भी जांच हो रही है।
राज्य सरकार की चिंता
बिहार में आने वाले महीनों में संभावित चुनावी गतिविधियों और त्योहारों के सीजन को देखते हुए यह घटना सुरक्षा व्यवस्था के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गई है। राज्य सरकार ने सभी जिलों के एसपी को अलर्ट रहने और अवैध हथियार और गोला-बारूद की तस्करी पर सख्त नजर रखने के निर्देश दिए हैं।