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 कई वर्षों से लापता हैं 24 से अधिक सरकारी चिकित्सक सीएमओ की नोटिस के बाद भी नहीं हुई वापसी

एक तरफ सरकारी संस्थानों में डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कई डॉक्टर ऐसे भी हैं जो नौकरी ज्वाइन करने के बाद ड्यूटी से गायब हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय ने जिले के ऐसे 27 डॉक्टरों की सूची तैयार की थी। इन सभी को कई बार नोटिस जारी किया गया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। ऐसे में अब इन्हें बर्खास्त करने की तैयारी चल रही है। इनकी सूची शासन को सौंप दी गई है।  विभाग ने कई बार नोटिस जारी कर करीब 10 साल से गायब इन सभी डॉक्टरों को ढूंढने की कोशिश की, लेकिन कुछ पता नहीं चला। इनमें से ज्यादातर डॉक्टर सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के हैं। बाकी दो जिला महिला अस्पताल प्रयागराज और एक-एक डॉक्टर राजकीय महिला अस्पताल आनापुर कौड़िहार के हैं।  विज्ञापन  पिछले दिनों डीएमए ने जिला महिला अस्पताल (डफरिन) का निरीक्षण किया तो सीएमएस डॉ. नूर हसन नकवी ने बताया कि दो डॉक्टर डॉ. अजय और डॉ. रामानंद कई साल से ड्यूटी से गायब हैं। डॉ. रामानंद ने 10 साल पहले डफरिन अस्पताल जॉइन किया था। इसके बाद से वे कहां हैं, इसका किसी को पता नहीं है। इसके बाद डीएम ने इन दोनों डॉक्टरों को बर्खास्त करने का आदेश दिया है। सीएमओ डॉ. एके तिवारी ने भी गायब डॉक्टरों की सूची शासन को भेज दी है। ऐसे में उम्मीद है कि जल्द ही इन डॉक्टरों को बर्खास्त किया जा सकता है। कौन से डॉक्टर गायब हैं  वरिष्ठ डॉक्टर का नाम गायब होने के समय तैनाती का स्थान 1- डा. धनेश त्रिपाठी सीएचसी, फूलपुर 2- डा. मोना त्रिपाठी सीएचसी, धनूपुर 3- डा. अविनाश जयसवाल सीएचसी, धनूपुर 4- डॉ. नीलू मिश्रा सीएचसी, हंडिया 5- डा. रजनीश कुमार सीएचसी, हंडिया 6- डा. रेखा देवी सीएचसी, सैदाबाद 7- डा. सुमन मौर्या सीएचसी, शंकरगढ़ 8- डा. अदिति दुबे सीएचसी, शंकरगढ़ 9- डा. प्रिया सिंह सीएचसी, कंधियारा 10- डा. विशाल रत्न श्रीवास्तव सीएचसी, करछना 11- डा. रवि पांडे सीएचसी, करछना 12- डा. रतिभान सिंह सीएचसी,रामनगर 13- डा. भानु प्रकाश सीएचसी,रामनगर 14- डॉ. वी.के. चौधरी सीएचसी, मेजा 15- डा. अनुराधा सीएचसी, मेजा 16- डा. अरविन्द कुमार सीएचसी, मांडा 17- डा. विजय कुमार गुप्ता सी.एच.सी.,रामनगर 18- डा. मारिशा पीएचसी, मुकुंदपुर होलागढ़ 19- डॉ. रंकिता तिवारी पीएचसी, तेला हंडिया 20- डा. प्रशांत कुमार त्रिपाठी सीएचसी, कोटवा बनी 21- डा. श्रद्धा यादव राजकीय महिला चिकित्सालय आनापुर, कौड़िहार 22- डा. नेहा जयसवाल सीएचसी, सोरांव 23- डा. बदरुजमा अंसारी सीएचसी, मांडा 24- डा.बृजेश पटेल सीएचसी कौड़िहार 25- डॉ. शशांक पांडे पीएचसी, हाथीगहन 26- डा. अजय जिला महिला चिकित्सालय 27- डा. रामानन्द जिला महिला चिकित्सालय  सभी गायब डॉक्टरों को कई बार नोटिस भेजा गया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. इनकी सूची शासन को सौंप दी गई है।

मेरठ के परतापुर थाना क्षेत्र के बहादुरपुर गांव में गुरुवार को नहर में छात्रा का सिर कटा शव मिला। शव की जेब से मिले कागज पर लिखे मोबाइल नंबर से उसकी पहचान दादरी गांव निवासी 17 वर्षीय आस्था उर्फ ​​तनिष्का के रूप में हुई।

ऑनर किलिंग मामले में बड़ा खुलासा तब हुआ जब पुलिस आरोपी तक पहुंची। आस्था की हत्या किसी और ने नहीं बल्कि उसे जन्म देने वाली उसकी मां ने ही की थी। पुलिस पूछताछ में आरोपी मां ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है।

बेटे को थप्पड़ मारने से गुस्साई मां ने बेटी का गला घोंट दिया।

मेरठ में आस्था उर्फ ​​तनिष्का अपनी सहेली से फोन पर बात कर रही थी। मां राकेश देवी ने बेटी से मोबाइल छीन लिया, जिस पर दोनों के बीच हाथापाई हो गई। आस्था चिल्लाने लगी और सहेली से शादी करने की जिद करने लगी। छात्रा ने विरोध में अपने नाबालिग भाई को भी थप्पड़ मार दिया।

जिस पर मां ने बेटी को जमीन पर पटक दिया और उसकी छाती पर बैठ गई। मां ने करीब दस मिनट तक अपनी बेटी का गला घोंटा, जब तक कि उसकी मौत नहीं हो गई। एसएसपी विपिन ताडा ने शुक्रवार को पुलिस लाइन में आरोपी मां से पूछताछ के बाद प्रेस कांफ्रेंस में यह खुलासा किया।

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