उत्तर प्रदेश में कमजोर पड़ा मानसून, तराई को छोड़ पूर्वी हिस्सों में बारिश घटती, बुंदेलखंड और पश्चिमी-तराई में फिर सक्रियता
उत्तर प्रदेश में मानसून की चाल इस समय असमान रूप से सक्रिय है। प्रदेश के तराई वाले इलाकों को छोड़कर पूर्वी हिस्सों में मानसून कमजोर पड़ गया है, जबकि पश्चिमी-तराई और बुंदेलखंड के कई क्षेत्रों में अच्छी बारिश रिकॉर्ड की गई है।
मंगलवार को मुरादाबाद में सबसे अधिक 122 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जो प्रदेश में सबसे अधिक रही। इसके अलावा बरेली में 70 मिमी, ललितपुर में 66 मिमी, रामपुर में 43.6 मिमी, और झांसी में 39 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि राज्य का पश्चिमी और बुंदेलखंड क्षेत्र फिलहाल मानसूनी मेहरबानी का केंद्र बने हुए हैं।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने बुधवार के लिए पश्चिमी-तराई, विंध्य क्षेत्र और बुंदेलखंड के कई हिस्सों में अच्छी बारिश की संभावना जताई है। विभाग ने खास तौर पर बुंदेलखंड के छह जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट भी जारी किया है। साथ ही 41 जिलों में गरज-चमक और आकाशीय बिजली गिरने की आशंका जाहिर की गई है। इससे प्रशासन और नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
कहां है कमज़ोर मानसून?
प्रदेश के पूर्वी जिलों में इस समय मानसून की सक्रियता काफी कम हो गई है। बलिया, गोरखपुर, देवरिया, मऊ, आजमगढ़ जैसे जिलों में हल्की बूंदाबांदी या बिल्कुल भी वर्षा नहीं हो रही है। कृषि पर निर्भर इन इलाकों में बारिश की कमी से धान की बुआई और अन्य खेती-किसानी के कामों में देरी हो रही है, जिससे किसान चिंतित हैं।
बुंदेलखंड में राहत की बारिश
जहां एक ओर पूर्वांचल के किसान बारिश की प्रतीक्षा में हैं, वहीं बुंदेलखंड के जिलों जैसे ललितपुर, झांसी, महोबा, हमीरपुर, चित्रकूट और बांदा में लगातार बारिश ने किसानों को राहत दी है। इन इलाकों में जलस्रोत भी भरने लगे हैं और खरीफ की फसलों की बुआई ने रफ्तार पकड़ ली है।
प्रशासन अलर्ट मोड में
येलो अलर्ट जारी किए जाने के बाद संबंधित जिलों के प्रशासन को सतर्क कर दिया गया है। राजस्व, आपदा प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग को निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। आकाशीय बिजली से बचाव के लिए लोगों को खुले मैदानों और पेड़ों के नीचे खड़े न होने की चेतावनी दी गई है।

