देशभर में समय से पहले पहुंचा मानसून, दिल्ली-NCR में दूसरे दिन भी झमाझम बारिश, IMD ने कई राज्यों में जारी किया रेड और येलो अलर्ट

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों में रविवार को लगातार दूसरे दिन भी झमाझम बारिश हुई, जिससे लोगों को गर्मी और उमस से काफी राहत मिली। इस बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने रविवार को घोषणा की कि दक्षिण-पश्चिम मानसून पूरे देश में औसत से 9 दिन पहले पहुंच चुका है, जो एक अहम मौसमीय घटना मानी जा रही है।
देशभर में मानसून ने समय से पहले दी दस्तक
आईएमडी के मुताबिक, आमतौर पर मानसून पूरे देश को 8 जुलाई तक कवर करता है, लेकिन इस साल यह 30 जून तक ही पूरे भारत में सक्रिय हो गया, जो सामान्य से 9 दिन पहले की स्थिति है। विशेषज्ञों का मानना है कि मानसून की यह रफ्तार जलवायु परिवर्तन और मौसमी दबावों का परिणाम है।
हिमाचल, पंजाब समेत कई राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी
आईएमडी ने बताया है कि आने वाले 7 दिनों तक देश के अधिकांश हिस्सों में भारी से मूसलाधार बारिश होने की संभावना है। खासकर हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और पूर्वोत्तर राज्यों में तेज बारिश का अनुमान है। मौसम विभाग ने इन क्षेत्रों के लिए रेड से लेकर येलो अलर्ट तक जारी किया है।
अलर्ट का मतलब:
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रेड अलर्ट: अत्यधिक बारिश की संभावना, जानमाल के नुकसान की चेतावनी। प्रशासन और नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह।
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ऑरेंज अलर्ट: भारी बारिश की संभावना, जरूरी सावधानियों का पालन करें।
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येलो अलर्ट: सामान्य से अधिक बारिश की संभावना, लेकिन खतरे की स्थिति नहीं।
दिल्ली-NCR में बारिश ने बदला मौसम का मिजाज
राजधानी दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम में रविवार को तेज बारिश और ठंडी हवाओं से मौसम सुहावना हो गया। तापमान में 5-6 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। सड़कों पर जलभराव की समस्या जरूर देखने को मिली, लेकिन अधिकांश लोगों ने राहत की सांस ली।
किसानों के लिए राहत, लेकिन सतर्कता जरूरी
देशभर में मानसून की सक्रियता ने किसानों के लिए अच्छी खबर दी है। खरीफ फसलों की बुवाई में तेजी आने की संभावना है। हालांकि अत्यधिक वर्षा और बाढ़ जैसी स्थिति से नुकसान की आशंका भी बनी हुई है, इसलिए राज्य सरकारों और कृषि विभागों को अलर्ट पर रखा गया है।
प्रशासन की तैयारियां
मौसम विभाग की चेतावनी के बाद एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है। जलभराव, भूस्खलन और बाढ़ जैसी स्थितियों से निपटने के लिए आपात सेवाएं स्टैंडबाय मोड पर रखी गई हैं।