तबादला घोटाले की जांच की मांग पर मायावती का बयान: विजिलेंस और एसआईटी से कराई जाए जांच, दोषियों पर हो सख्त कार्रवाई

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने प्रदेश में विभागीय तबादलों में हो रहे कथित भ्रष्टाचार को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए विजिलेंस और एसआईटी (विशेष जांच दल) गठित कर गंभीर जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि तबादला प्रक्रिया में भारी लेन-देन, सिफारिश और पक्षपात की खबरें सामने आ रही हैं, जो बेहद चिंताजनक हैं।
मायावती ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि
"प्रदेश के विभिन्न विभागों में तबादलों के नाम पर जो भ्रष्टाचार चल रहा है, वह किसी से छिपा नहीं है। सरकार को चाहिए कि वह इस मामले को गंभीरता से ले और इसमें शामिल अधिकारियों-कर्मचारियों और बिचौलियों के खिलाफ विजिलेंस या एसआईटी से निष्पक्ष जांच कराए।"
उन्होंने कहा कि बार-बार शिकायतें आने के बावजूद सरकार की ओर से कोई सख्त कार्रवाई या पारदर्शी व्यवस्था नहीं अपनाई जा रही है, जिससे साफ होता है कि भ्रष्टाचार को मौन सहमति मिल रही है। मायावती ने यह भी कहा कि यदि सरकार वास्तव में ईमानदारी और पारदर्शिता की बात करती है तो उसे तबादला घोटाले में लिप्त लोगों को बिना किसी दबाव या भेदभाव के सजा दिलानी चाहिए।
वर्तमान में प्रदेश के कई जिलों से लगातार यह शिकायतें मिल रही हैं कि स्थानांतरण नीति के नाम पर मनमानी की जा रही है। नियमों को ताक पर रखकर कुछ लोगों को लाभ पहुंचाया जा रहा है, जबकि योग्य और मेहनती अधिकारियों-कर्मचारियों की उपेक्षा हो रही है।
बसपा प्रमुख ने यह भी कहा कि इस प्रकार के भ्रष्टाचार से प्रशासनिक व्यवस्था पर आम जनता का विश्वास कमजोर होता है और इसके दूरगामी दुष्परिणाम प्रदेश की विकास प्रक्रिया पर भी पड़ सकते हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मायावती का यह बयान आगामी चुनावों को देखते हुए प्रशासनिक पारदर्शिता को चुनावी मुद्दा बनाने की रणनीति का हिस्सा हो सकता है। वहीं, सरकार की ओर से इस बयान पर फिलहाल कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।