मौलाना शहाबुद्दीन रजवी की अपील, मदरसों में भी मनाया जाए योग दिवस, योग को बताया सेहत के लिए लाभकारी

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने एक महत्वपूर्ण और सकारात्मक संदेश देते हुए मदरसों में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि योग किसी धर्म या संप्रदाय से जुड़ा नहीं है, बल्कि यह सेहत और मानसिक शांति का माध्यम है, जिसे सभी लोगों को अपनाना चाहिए।
मौलाना शहाबुद्दीन ने स्पष्ट शब्दों में कहा,
"योग सबके स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। यह जरूरी नहीं कि योग करने के लिए पार्क या योगा सेंटर में ही जाना पड़े, आप अपने घर में भी रोज सुबह उठकर नमाज पढ़ें या फिर योग करें।"
उन्होंने कहा कि योग एक वैज्ञानिक पद्धति है जो शारीरिक और मानसिक दोनों ही दृष्टिकोण से फायदेमंद है।
उन्होंने देशभर के मुसलमानों से अपील की कि वे योग दिवस को धार्मिक पूर्वाग्रह से ऊपर उठकर देखें और इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लें। साथ ही उन्होंने मदरसों के प्रबंधकों और शिक्षकों से भी आग्रह किया कि वे अपने संस्थानों में बच्चों को योग के महत्व की जानकारी दें और 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को सार्थक रूप से मनाएं।
मौलाना रजवी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब योग को लेकर समाज में कई प्रकार की भ्रांतियां फैली हुई हैं। उन्होंने साफ किया कि योग किसी खास धर्म से जुड़ा हुआ नहीं है, बल्कि यह भारत की प्राचीन सांस्कृतिक विरासत है और आज इसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा भी मान्यता प्राप्त है।
मौलाना ने यह भी कहा कि यदि हम अपने जीवन में योग और नमाज दोनों को संतुलन के साथ अपनाएं, तो यह न केवल हमारे शरीर को स्वस्थ रखेगा, बल्कि हमारी आध्यात्मिक उन्नति में भी सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने युवाओं से खासतौर पर आग्रह किया कि वे मोबाइल और सोशल मीडिया से थोड़ा समय निकालकर खुद के स्वास्थ्य पर ध्यान दें।
योग दिवस को लेकर उनके इस सकारात्मक और समावेशी रुख की सामाजिक और धार्मिक स्तर पर सराहना की जा रही है। कई बुद्धिजीवियों और शिक्षाविदों ने कहा कि इस प्रकार की पहल से धार्मिक सौहार्द को बल मिलेगा और समाज में एकता व सद्भाव की भावना मजबूत होगी।