मस्जिद में बैठक को लेकर मौलाना शहाबुद्दीन रजवी का सपा पर हमला, अखिलेश यादव से सार्वजनिक माफी की मांग
बरेली में ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने शुक्रवार को एक अहम प्रेसवार्ता करते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि अखिलेश यादव, उनकी पत्नी एवं सांसद डिंपल यादव, धर्मेंद्र यादव और मोहिबुल्लाह नदवी ने मस्जिद की पवित्रता को ठेस पहुंचाई है।
मौलाना रजवी ने कहा कि मस्जिद अल्लाह का घर होती है और वहां कोई राजनीतिक या सामाजिक पंचायत नहीं हो सकती। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि मस्जिद का इस्तेमाल केवल इबादत के लिए होना चाहिए और किसी भी प्रकार की बैठक या चर्चा वहां करना शरीयत के खिलाफ है। मौलाना ने इस घटना को बेहद गंभीर और निंदनीय बताते हुए कहा कि इससे मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।
उन्होंने समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेताओं से इस मामले में सार्वजनिक माफी की मांग की। साथ ही चेतावनी दी कि यदि अखिलेश यादव और अन्य संबंधित नेता इस मुद्दे पर माफी नहीं मांगते हैं, तो ऑल इंडिया मुस्लिम जमात इस अपमान के खिलाफ बड़ा आंदोलन छेड़ेगी। उन्होंने कहा कि यह केवल राजनीतिक विरोध नहीं बल्कि धार्मिक मर्यादा और आस्था का प्रश्न है, जिस पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता।
प्रेसवार्ता के दौरान मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने मुसलमानों से भी अपील की कि वे मस्जिद की पवित्रता बनाए रखें और इस प्रकार की गतिविधियों से बचें जो इस पाक स्थान की गरिमा को ठेस पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि चाहे वह कोई भी नेता या पार्टी हो, धार्मिक स्थलों का दुरुपयोग कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बता दें कि हाल ही में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और अन्य नेताओं की एक मस्जिद में बैठक को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इस बैठक की तस्वीरें और वीडियो सामने आने के बाद मुस्लिम समाज के एक वर्ग में रोष व्याप्त है। इसी के मद्देनज़र मौलाना रजवी ने यह मुद्दा उठाया और इसे मुस्लिम भावनाओं के साथ खिलवाड़ बताया।
राजनीतिक हलकों में इस बयान को सपा के लिए एक और चुनौती के रूप में देखा जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब पार्टी 2025 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी है और अल्पसंख्यक समुदाय को अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर रही है।
अब देखना यह होगा कि समाजवादी पार्टी इस विवाद पर क्या रुख अपनाती है और क्या अखिलेश यादव इस धार्मिक मुद्दे पर माफी मांगने को तैयार होंगे या नहीं। फिलहाल, मुस्लिम जमात के इस कड़े रुख ने राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है।

