शिवनगर निवासी मंतोष की इलाज के दौरान मौत, एक घंटे तक नहीं मिली एंबुलेंस, ठेलिया से पहुंचाया गया था क्लीनिक
शहर के शिवनगर निवासी 30 वर्षीय मजदूर मंतोष की इलाज के दौरान मौत हो गई है। मंतोष शनिवार को नीम के पेड़ से सूखी लकड़ी तोड़ते समय गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया था। हादसे के बाद एक घंटे तक उसे एंबुलेंस नहीं मिल सकी, जिससे समय पर इलाज न मिल पाने के कारण उसकी हालत बिगड़ती चली गई।
नार्मल स्कूल के पास हुआ हादसा
घटना शनिवार सुबह करीब 10 बजे पीतांबर नगर मोहल्ले में नार्मल स्कूल के पास की है। मंतोष पेड़ पर चढ़कर सूखी लकड़ियां तोड़ रहा था, तभी अचानक उसका पैर फिसल गया और वह नीचे आ गिरा। गिरने से उसके सिर और रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोटें आईं।
नहीं आई एंबुलेंस, परिजन ठेलिया से ले गए क्लीनिक
स्थानीय लोगों ने घायल मंतोष के परिजनों को सूचना दी और एंबुलेंस के लिए कॉल किया, लेकिन करीब एक घंटे तक कोई एंबुलेंस मौके पर नहीं पहुंची। मजबूर होकर परिजनों ने मंतोष को एक हाथ ठेलिया पर लिटाकर सिविल लाइंस स्थित एक निजी क्लीनिक में ले गए, जहां उसकी हालत को गंभीर बताते हुए उसे रेफर कर दिया गया। लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
मजदूरी कर परिवार चलाता था मंतोष
मंतोष पेशे से मजदूर था और दिनभर मेहनत-मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालता था। उसकी मौत के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। परिजनों का कहना है कि
“अगर समय पर एंबुलेंस मिल जाती तो शायद मंतोष की जान बच सकती थी।”
सवालों के घेरे में स्वास्थ्य व्यवस्था
इस घटना ने शहर की आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल दी है। घायल को एक घंटे तक एंबुलेंस न मिल पाना, और फिर उसे ठेलिया से अस्पताल ले जाना, स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है।
प्रशासन ने नहीं दी कोई प्रतिक्रिया
अब तक इस मामले में प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन स्थानीय लोग और मंतोष के परिजन एंबुलेंस सेवा की लापरवाही पर कड़ी नाराजगी जता रहे हैं और मामले की जांच व जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

