छह साल की बच्ची से छेड़छाड़ के दोषी को 20 साल की सजा, कोर्ट ने एक साल में सुनाया फैसला
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो अधिनियम) यशपाल सिंह लोधी की अदालत ने छह वर्षीय मासूम बच्ची से छेड़छाड़ के मामले में अहम फैसला सुनाया है। अदालत ने हस्तिनापुर के भीमनगर निवासी अंकित उर्फ काला को दोषी पाते हुए उसे 20 वर्ष के कठोर कारावास और 20 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। इस मामले में पुलिस की त्वरित और प्रभावी पैरवी के चलते अदालत ने मात्र एक साल के भीतर अपना निर्णय सुना दिया, जो न्यायिक प्रक्रिया में एक मिसाल माना जा रहा है।
घटना का संक्षिप्त विवरण
घटना बीते वर्ष की है, जब पीड़िता की मां ने स्थानीय थाने में अंकित के खिलाफ अपनी छह साल की बेटी से छेड़छाड़ की गंभीर शिकायत दर्ज कराई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की और आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। साथ ही, बच्ची का चिकित्सीय परीक्षण कराकर सभी जरूरी साक्ष्य एकत्र किए गए।
पॉक्सो अधिनियम के तहत चला मुकदमा
यह मामला "प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेज (POCSO) एक्ट" के अंतर्गत दर्ज किया गया था। इस अधिनियम के तहत बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों के मामलों में सख्त कार्रवाई और त्वरित सुनवाई की व्यवस्था की गई है। अदालत ने सभी साक्ष्यों, पीड़िता के बयान और पुलिस द्वारा प्रस्तुत प्रमाणों को ध्यान में रखते हुए आरोपी अंकित को दोषी ठहराया।
अदालत की टिप्पणी
फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश यशपाल सिंह लोधी ने कहा कि "बच्चों की सुरक्षा समाज की पहली जिम्मेदारी है। ऐसे मामलों में समाज में भय पैदा करने के लिए सख्त सजा जरूरी है, ताकि अन्य लोग भी इससे सबक लें।" उन्होंने यह भी कहा कि न्यायिक प्रक्रिया में तेजी और सटीक साक्ष्य पेश किए जाने के चलते ही यह निर्णय समयबद्ध रूप से संभव हो पाया।
पुलिस की प्रभावशाली पैरवी की सराहना
इस मुकदमे में पुलिस की प्रभावी कार्यवाही और अभियोजन पक्ष की मजबूत पैरवी ने अहम भूमिका निभाई। विवेचना अधिकारी और अभियोजक ने समय पर चार्जशीट दायर कर अदालत में मजबूत केस प्रस्तुत किया, जिससे मामले की सुनवाई बिना किसी देरी के पूरी हो सकी।

