
मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से मान्यता मिल गई है। शनिवार देर रात यह सूचना खेल विश्वविद्यालय प्रशासन तक पहुंची। अब खेल विश्वविद्यालय प्रशासन पाठ्यक्रम, प्रवेश प्रक्रिया, शिक्षक नियुक्तियां एवं अन्य महत्वपूर्ण निर्णय आसानी से ले सकेगा। यह मान्यता शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दी जाती है।
विश्वविद्यालय के कुलपति सेवानिवृत्त मेजर जनरल दीप अहलावत ने कहा कि यह मान्यता मिलने से विश्वविद्यालय को सार्वजनिक विश्वविद्यालयों की सूची में शामिल कर लिया गया है। जिसके चलते अब विश्वविद्यालय छात्रों को विश्वविद्यालय अधिनियम की धारा 22 के तहत डिग्री प्रदान करेगा। यह मान्यता उत्तर प्रदेश राज्य खेल विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम 2021 के लागू होने के बाद प्राप्त हुई, जिसके माध्यम से 29 जुलाई 2021 से इस विश्वविद्यालय की स्थापना की गई।
अब विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश राज्य की भौगोलिक सीमाओं के भीतर अपने विभागों, घटक महाविद्यालयों और संबद्ध संस्थानों के माध्यम से नियमित शैक्षणिक कार्यक्रम शुरू कर सकेगा। इस उपलब्धि पर कुलपति ने कहा कि यह विश्वविद्यालय और मेरठ के लोगों के लिए ऐतिहासिक क्षण है। यह विश्वविद्यालय भारत में खेल शिक्षा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
खेल विश्वविद्यालय पर एक नज़र
सरधना क्षेत्र के सलावा गांव में स्थित मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य 13 फरवरी 2024 को शुरू हुआ था। दावा है कि 14 अगस्त 2025 तक निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। हालांकि अभी तक सिर्फ 68 फीसदी काम ही पूरा हो पाया है। सरकार द्वारा स्वीकृत 247.13 करोड़ रुपये की पहली किस्त में से 169.56 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं।