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उत्तर प्रदेश की नौकरशाही में बड़े बदलाव की संभावना, जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों के फेरबदल की चर्चाएं तेज

उत्तर प्रदेश की नौकरशाही में बड़े बदलाव की संभावना, जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों के फेरबदल की चर्चाएं तेज

उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था में जल्द ही बड़े बदलाव होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। सूत्रों की मानें तो अपर मुख्य सचिव, कई मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों के पदस्थापन एवं बदलाव को लेकर चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं। माना जा रहा है कि इस माह के अंत तक इन अधिकारियों के कार्यक्षेत्र में महत्वपूर्ण फेरबदल हो सकता है।

जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों के बदलाव पर चर्चा

राज्य सरकार प्रशासनिक तंत्र को और प्रभावी बनाने के लिए विभिन्न जिलों में जिलाधिकारी और मंडलायुक्तों के स्थानांतरण पर विचार कर रही है। अधिकारियों के तबादलों से प्रशासनिक कामकाज में नई गति आने की उम्मीद जताई जा रही है। ऐसे बदलाव आमतौर पर कार्यक्षमता बढ़ाने और नई चुनौतियों के समाधान के लिए किए जाते हैं।

मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के सेवानिवृत्त होने से पद का सस्पेंस

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह का आगामी माह से सेवानिवृत्त होना भी नौकरशाही में हलचल का एक बड़ा कारण है। उनके स्थान पर कौन मुख्य सचिव के पद पर आएगा, इस सवाल को लेकर विभिन्न चर्चाएं हो रही हैं।

कई अटकलें हैं कि मनोज कुमार सिंह का कार्यकाल बढ़ाया भी जा सकता है, जबकि कुछ सीनियर अधिकारियों के नाम इस पद के लिए चर्चित हैं। इनमें 1989 बैच के आईएएस अधिकारी एसपी गोयल और देवेश चतुर्वेदी, तथा 1990 बैच के दीपक कुमार के नाम प्रमुखता से चर्चा में हैं।

संभावित नई नियुक्तियां और प्रशासनिक बदलाव

इन संभावित बदलावों से न केवल शासन-प्रशासन की दिशा प्रभावित होगी, बल्कि प्रदेश के विकास कार्यों और नीतिगत निर्णयों पर भी इसका गहरा असर पड़ेगा। नए मुख्य सचिव और मंडलायुक्तों के चयन के बाद प्रशासनिक कार्यों में नया जोश और प्रभाव देखने को मिल सकता है।

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