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यूपी के आईटीआई संस्थानों में बड़ा बदलाव, 206 पुराने कोर्स होंगे बंद, ड्रोन, एआई और रोबोटिक्स जैसे आधुनिक विषय होंगे शामिल

यूपी के आईटीआई संस्थानों में बड़ा बदलाव: 206 पुराने कोर्स होंगे बंद, ड्रोन, एआई और रोबोटिक्स जैसे आधुनिक विषय होंगे शामिल

उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के राजकीय और निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को नई तकनीकी आवश्यकताओं के अनुरूप ढालने की दिशा में एक बड़ा और क्रांतिकारी कदम उठाने जा रही है। अब आईटीआई में वे कोर्स पढ़ाए जाएंगे जो आज के तकनीकी युग और उद्योगों की जरूरतों के अनुकूल हों। इसके तहत सरकार ने 206 पुराने और अप्रासंगिक पाठ्यक्रमों को बंद करने का निर्णय लिया है।

इस निर्णय के पीछे राज्य सरकार की मंशा युवाओं को रोजगारोन्मुख और भविष्य की तकनीकों से लैस करने की है। अब आईटीआई में विद्यार्थियों को ड्रोन तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), रोबोटिक्स, ऑटोमेशन, डेटा एनालिटिक्स जैसे अत्याधुनिक और उच्च मांग वाले क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाएगा।

राज्य के तकनीकी शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, बदलते वैश्विक परिदृश्य और औद्योगिक आवश्यकता को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। बड़ी संख्या में ऐसे कोर्स चल रहे थे जो न तो उद्योगों की मांग से मेल खाते थे और न ही छात्रों को रोजगार दिलाने में सक्षम थे। ऐसे पाठ्यक्रमों को हटाकर अब उन ट्रेड्स पर फोकस किया जा रहा है जो आने वाले वर्षों में सबसे अधिक रोजगार सृजित कर सकते हैं।

डिजिटल युग की तैयारी में बड़ा बदलाव
आईटीआई में अब जो नए पाठ्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं, वे पूरी तरह से डिजिटल और तकनीकी दुनिया की जरूरतों के अनुसार डिजाइन किए गए हैं। खासकर ड्रोन तकनीक, जो कृषि, रक्षा, लॉजिस्टिक्स और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में उपयोगी है, अब युवाओं को उसके संचालन, निर्माण और मेंटेनेंस का प्रशिक्षण मिलेगा। इसी तरह एआई और रोबोटिक्स आज हर बड़े उद्योग और स्टार्टअप का आधार बन चुके हैं।

उद्योगों के साथ समन्वय पर जोर
इस बदलाव के तहत सरकार उद्योगों के साथ मिलकर कोर्स मॉड्यूल तैयार कर रही है, जिससे छात्रों को थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल और इंडस्ट्री एक्सपोजर भी मिल सके। पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के तहत कई निजी कंपनियां भी इन पाठ्यक्रमों के प्रशिक्षण में सहयोग करेंगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार का यह निर्णय युवाओं को न केवल आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा, बल्कि उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोजगार के लिए सक्षम बनाएगा।

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