धीरेंद्र शास्त्री पर लखनऊ के प्रोफेसर रविकांत का तीखा हमला, महिलाओं की तस्करी के आरोपों पर की फांसी की मांग
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चर्चित प्रोफेसर रविकांत चंदन एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने अपने बयान में बागेश्वर धाम सरकार के मुखिया धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को आड़े हाथों लिया है। दरअसल, हाल ही में मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में एक एंबुलेंस से 13 महिलाओं के जबरन ले जाए जाने का मामला सामने आया है। इस घटना को कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री से जोड़ते हुए प्रोफेसर रविकांत ने उन पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
छतरपुर की घटना से मचा हड़कंप
घटना 28 जुलाई की रात की बताई जा रही है, जब मध्य प्रदेश के लवकुशनगर थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक संदिग्ध एंबुलेंस को पकड़ा। जांच में सामने आया कि वाहन में 13 महिलाओं को जबरन ले जाया जा रहा था। इस मामले को लेकर इलाके में खलबली मच गई है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि इन महिलाओं को बागेश्वर धाम से जुड़ी गतिविधियों में शामिल कराने की कोशिश की जा रही थी।
प्रोफेसर रविकांत ने मांगी फांसी
लखनऊ यूनिवर्सिटी के हिंदी विभाग में कार्यरत एसोसिएट प्रोफेसर रविकांत चंदन ने सोशल मीडिया और पत्रकारों से बातचीत में इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया। उन्होंने कहा—
“अगर कथावाचक किसी भी प्रकार से महिलाओं की तस्करी में शामिल पाया जाता है, तो उसे फांसी दी जानी चाहिए। यह धार्मिक आड़ में हो रहा अपराध है, जिस पर सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि समाज में अंधभक्ति को बढ़ावा देकर मौलिक अधिकारों और महिला सुरक्षा को खतरे में डाला जा रहा है।
पहले भी दे चुके हैं विवादित बयान
प्रोफेसर रविकांत इससे पहले भी अपने बेबाक और तीखे बयानों के लिए चर्चा में रह चुके हैं। उन्होंने हिन्दू धार्मिक परंपराओं, रामचरितमानस और सामाजिक मुद्दों को लेकर कई बार मुखर टिप्पणी की है, जिसके चलते वे विश्वविद्यालय और सोशल मीडिया दोनों जगह विवादों का केंद्र बने रहे हैं।
धीरेंद्र शास्त्री खेमे से कोई प्रतिक्रिया नहीं
फिलहाल बागेश्वर धाम और धीरेंद्र शास्त्री की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान या प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। उनके समर्थकों का कहना है कि उन्हें बिना जांच के बदनाम किया जा रहा है, जबकि छतरपुर पुलिस मामले की जांच में जुटी है और तथ्यों की पुष्टि कर रही है।
पुलिस कर रही है जांच
छतरपुर के एसपी ने बयान जारी कर कहा है कि महिलाओं को कहां ले जाया जा रहा था और इसमें किन लोगों की भूमिका है, इसकी गहराई से जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच के आधार पर कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
यह मामला धार्मिक मंचों, महिलाओं की सुरक्षा और सामाजिक जिम्मेदारी जैसे गंभीर सवालों को फिर से सामने ला रहा है। अब देखने वाली बात होगी कि क्या इस मामले में कोई कानूनी कार्रवाई होती है या यह सिर्फ राजनीतिक बयानबाज़ी तक सीमित रह जाएगा।

