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ड्रोन की मदद से गंगा किनारे ध्वस्त की गईं शराब की भट्ठियां, 20 हजार लीटर जावा किया गया नष्ट, तस्कर फरार

ड्रोन की मदद से गंगा किनारे ध्वस्त की गईं शराब की भट्ठियां, 20 हजार लीटर जावा किया गया नष्ट, तस्कर फरार

राज्य में शराबबंदी के बावजूद अवैध शराब बनाने का धंधा तेजी से फल-फूल रहा है। वैशाली जिले के उत्पाद विभाग ने रविवार को ऐसे ही एक बड़े गिरोह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। उत्पाद अधीक्षक भूपेंद्र कुमार के नेतृत्व में की गई कार्रवाई में सुकुमारपुर दियारा क्षेत्र में गंगा नदी के किनारे चल रही नौ अवैध देशी शराब की भट्ठियों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया। इस कार्रवाई में उत्पाद विभाग की एएलटीएफ टीम और स्थानीय थाने की पुलिस की भी अहम भूमिका रही। खास बात यह रही कि इस पूरी कार्रवाई में ड्रोन की मदद ली गई, ताकि भट्ठियों की सटीक पहचान कर वहां तक ​​पहुंचा जा सके।

510 लीटर देशी शराब बरामद

इस कार्रवाई के दौरान पुलिस ने करीब 20,200 लीटर कच्चा जावा नष्ट किया, जिसका उपयोग अवैध देशी शराब बनाने में किया जाता है। साथ ही करीब 510 लीटर तैयार देशी शराब जब्त की गई। मौके पर मौजूद शराब बनाने के उपकरण को भी आग लगाकर नष्ट कर दिया गया। पुलिस ने 64 प्लास्टिक ड्रम, 37 टीन ड्रम और आठ अन्य उपकरण जब्त किए। हालांकि पुलिस के पहुंचने से पहले ही तस्कर भाग निकले। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि तस्करों की पहचान कर जल्द ही कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

जंगल और झाड़ियों में मिले फिल्टर
उत्पाद विभाग को पहले ही गुप्त सूचना मिली थी कि सुकुमारपुर दियारा क्षेत्र में गंगा किनारे अवैध शराब की भट्ठियां चलाई जा रही हैं। सूचना के आधार पर पुलिस की टीम ने ड्रोन से इलाके का निरीक्षण किया और फिर तत्काल कार्रवाई करते हुए वहां मौजूद नौ शराब की भट्ठियों को नष्ट कर दिया। हाजीपुर उत्पाद थाना के अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह और सुरेश प्रसाद चौधरी ने बताया कि यह इलाका दियारा क्षेत्र में आता है, जहां घने जंगल और झाड़ियों का फायदा उठाकर शराब माफिया लंबे समय से सक्रिय हैं।

बिदुपुर और राघोपुर दियारा में सैकड़ों शराब की भट्ठियां सक्रिय
कार्रवाई में यह भी पता चला है कि दियारा क्षेत्र में खासकर बिदुपुर थाने के जमींदारी घाट, राघोपुर अंचल के रुस्तमपुर, मीरानपुर, गोरिहारी, जुड़ावनपुर, लिटियाही, करमनपुर जैसे इलाकों में सैकड़ों देशी शराब की भट्ठियां अवैध रूप से चलाई जा रही हैं। ये सभी इलाके गंगा और उसकी सहायक नदियों के किनारे हैं, जिनकी भौगोलिक संरचना शराब कारोबारियों को छिपने और निर्माण के लिए अनुकूल अवसर प्रदान करती है।

गांवों में शराब की होम डिलीवरी से फैलता है नेटवर्क

स्थानीय सूत्रों की मानें तो दियारा इलाके में हर दिन हजारों लीटर देसी शराब का उत्पादन होता है। यह शराब न सिर्फ प्रखंड की विभिन्न पंचायतों में होम डिलीवरी के जरिए पहुंचाई जाती है, बल्कि पटना और हाजीपुर जैसे शहरों में भी सप्लाई की जाती है। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस और शराब माफियाओं के बीच सांठगांठ के कारण जब भी छापेमारी होती है, तो तस्करों को इसकी पहले ही सूचना मिल जाती है, जिसके कारण वे बच निकलते हैं।

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