
औद्योगिक क्षेत्र में लाइन की मरम्मत करते समय दो लाइनमैन करंट लगने से झुलस गए। वे शटडाउन के बाद काम कर रहे थे। काम पूरा होने से पहले ही लाइन चालू कर दी गई, जिससे दोनों करंट की चपेट में आ गए। बिजली अधिकारियों ने उन्हें मेरठ के अप्सनोवा अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। पीड़ितों के परिजनों ने विभागीय अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
मवाना में बने बिजलीघर से ग्रामीण क्षेत्रों के गांवों और औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति की जाती है। शास्त्रीनगर स्थित प्राइम वन फोर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के अधीन बिजलीघर में संविदा कर्मी संजीव शर्मा निवासी नंगली आजमाबाद, थाना इंचौली और अंकित निवासी दबथला, परीक्षितगढ़ लाइनमैन के पद पर काम करते हैं।
गुरुवार सुबह औद्योगिक क्षेत्र में बिजली लाइन में फाल्ट आ गया। सुबह करीब साढ़े दस बजे लाइनमैन संजीव शर्मा और अंकित वहां लगे पेयर पर फाल्ट ठीक करने बिजलीघर पहुंचे। काम पूरा होने से पहले ही लाइन चालू कर दी गई।
इससे दोनों लाइनमैन करंट लगने से झुलस गए और पोल से नीचे गिर गए। उनके साथ मौजूद कर्मचारी छोटेलाल ने मवाना में वरिष्ठ अधिकारियों को घटना की जानकारी दी। एसडीओ रवि किशन मुरारी और जेई अरुण कुमार मौके पर पहुंचे और दोनों को अस्पताल भिजवाया। पीड़ित के परिजनों का कहना है कि दोनों ने एसएसओ अनिल कुमार से शटडाउन लिया था। इसके बाद वे 11000 केवी लाइन पर काम कर रहे थे। फिर बिजली आपूर्ति कैसे शुरू हो गई? जब जेई अरुण कुमार और अन्य अधिकारी मौजूद नहीं थे तो उन्हें फाल्ट ठीक करने के लिए लाइन पर क्यों भेजा गया? उन्हें न तो जूते दिए गए और न ही दस्ताने।