मेरठ-प्रयागराज गंगा एक्सप्रेसवे पर ताजा अपडेट, जानें कितना काम पूरा और कब तक कर पाएंगे सफर

उत्तर प्रदेश के मेरठ से तीर्थ नगरी प्रयागराज तक एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है। इसका नाम गंगा एक्सप्रेसवे है। गंगा एक्सप्रेसवे का कार्य 79 प्रतिशत पूरा हो चुका है। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीईआईडीए) ने गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य की जानकारी दी है। यूपीडा ने बताया है कि एक्सप्रेसवे का 90 प्रतिशत मिट्टी कार्य पूरा हो चुका है। ग्रेन्युलर सब बेस (जीएसबी) का कार्य 85 प्रतिशत पूरा हो चुका है तथा डेंस बिटुमिनस मैकाडम (डीबीएम) का कार्य 82 प्रतिशत पूरा हो चुका है।
गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ-बुलंदशहर राजमार्ग पर बिजौली गांव से शुरू होगा। यह एक्सप्रेसवे प्रयागराज में एनएच 19 पर जूड़ापुर दादू गांव के पास समाप्त होगा। गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के 12 जिलों के 518 गांवों से होकर गुजरेगा। जिन जिलों से होकर गंगा एक्सप्रेसवे गुजरेगा उनमें मेरठ, हापुड, बुलन्दशहर, अमरोहा, संभल, बदायूँ, शाहजहाँपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली और प्रतापगढ़ शामिल हैं।
एक्सप्रेसवे पर रात में भी उतर सकेंगी उड़ानें
जरूरत पड़ने पर वायुसेना के लड़ाकू विमान रात में भी गंगा एक्सप्रेसवे हवाई पट्टी पर उतर सकेंगे। यह देश में इस एक्सप्रेसवे पर पहली हवाई पट्टी होगी जहां वायुसेना के लड़ाकू विमानों के लिए यह सुविधा उपलब्ध होगी। एक्सप्रेसवे पर हवाई पट्टी बनकर तैयार है। शाहजहांपुर में एक्सप्रेस-वे पर 3.50 किलोमीटर लंबी यह हवाई पट्टी बनाई गई है। हवाई पट्टी के दोनों ओर 250 कैमरे लगाए जाएंगे।
सीएम योगी ने किया हवाई पट्टी का निरीक्षण
रविवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने हवाई पट्टी का निरीक्षण किया। इस हवाई पट्टी पर 2 मई को एयर शो का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान लड़ाकू विमानों को रात में भी उतरने की अनुमति होगी। इस दौरान सीएम योगी भी मौजूद रहेंगे। सीएम योगी ने गंगा एक्सप्रेसवे कार्य की प्रगति भी जानी। उन्होंने शाहजहांपुर, हापुड़ और हरदोई के विभिन्न निर्माण खंडों का निरीक्षण किया।
सीएम योगी ने दिए ये निर्देश
इसके साथ ही सीएम योगी ने यूपीडा और एक्सप्रेसवे के निर्माण में लगी एजेंसियों को उच्च गुणवत्ता के साथ समय सीमा के भीतर काम पूरा करने के निर्देश दिए। सीएम योगी ने कहा कि गंगा एक्सप्रेसवे को प्रयागराज से गाजीपुर तक बढ़ाया जाएगा। फर्रुखाबाद से लिंक एक्सप्रेस-वे के माध्यम से एक्सप्रेस-वे को बुंदेलखंड से जोड़ने का कार्य किया जाएगा।