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काशी के घाटों पर अब सुनाई देगी इतिहास की आवाज़, पर्यटन विभाग बना रहा GPS युक्त ऑडियो बुक

काशी के घाटों पर अब सुनाई देगी इतिहास की आवाज़, पर्यटन विभाग बना रहा GPS युक्त ऑडियो बुक

आध्यात्मिक नगरी काशी (वाराणसी) आने वाले पर्यटकों के अनुभव को अब और अधिक समृद्ध व तकनीकी रूप से उन्नत बनाने की दिशा में उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने एक नई पहल की है। विभाग अब काशी के सभी 84 घाटों की जानकारी को एक GPS आधारित ऑडियो बुक के रूप में विकसित कर रहा है, ताकि पर्यटक हर घाट का इतिहास, संस्कृति और महत्व अपने मोबाइल पर सुन सकें।

तकनीक और संस्कृति का अनूठा संगम

इस नवाचार का उद्देश्य यह है कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटक जब घाटों पर भ्रमण करें, तो उन्हें वहां की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता की संपूर्ण जानकारी स्वचालित रूप से ऑडियो फॉर्मेट में मिल सके। GPS सिस्टम से लैस यह ऑडियो बुक पर्यटकों की लोकेशन के अनुसार स्वतः सक्रिय हो जाएगी और संबंधित घाट की जानकारी प्रदान करेगी।

84 घाटों की कहानी, एक ऐप में

काशी के 84 घाटों में अस्सी घाट, दशाश्वमेध घाट, मणिकर्णिका घाट, हरिश्चंद्र घाट, तुलसी घाट, राजेंद्र प्रसाद घाट जैसे प्रसिद्ध घाट शामिल हैं, जिनका न केवल धार्मिक बल्कि ऐतिहासिक महत्व भी है। हर घाट की अपनी एक अनूठी कथा और पहचान है, जिसे अब डिजिटल रूप में संरक्षित कर आमजन तक पहुंचाया जाएगा।

पर्यटकों को मिलेगा सहज और समृद्ध अनुभव

पर्यटन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस तकनीक से न सिर्फ देशी-विदेशी पर्यटकों को गाइड की आवश्यकता नहीं रहेगी, बल्कि वे अपने अनुसार घाटों की जानकारी किसी भी भाषा में सुन सकेंगे। इससे उनका अनुभव और भी व्यक्तिगत और ज्ञानवर्धक बन जाएगा।

बहुभाषीय ऑडियो विकल्प

पर्यटन विभाग ऑडियो बुक को हिंदी, अंग्रेज़ी, संस्कृत, और अन्य प्रमुख भारतीय भाषाओं में तैयार करने की योजना पर काम कर रहा है, जिससे विविध भाषी पर्यटक इसका लाभ उठा सकें।

स्मार्ट टूरिज्म की ओर उत्तर प्रदेश

यह पहल उत्तर प्रदेश को स्मार्ट टूरिज्म की दिशा में आगे ले जाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय सांस्कृतिक विरासत का भी संरक्षण होगा।

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