कैराना सांसद इकरा हसन और नगर पंचायत अध्यक्षा शमा परवीन से अभद्रता का मामला, एडीएम पर लगे गंभीर आरोप
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जनपद में प्रशासनिक शिष्टाचार को लेकर एक बड़ा विवाद सामने आया है। कैराना से सपा सांसद इकरा हसन और छुटमलपुर नगर पंचायत की अध्यक्षा शमा परवीन के साथ कथित रूप से अभद्रता करने का मामला सामने आया है। आरोप सीधे एडीएम (प्रशासन) पर लगे हैं, जिन पर दोनों जनप्रतिनिधियों को कार्यालय से बाहर निकालने और अपमानजनक भाषा का प्रयोग करने का गंभीर आरोप है।
"कार्यालय मेरा है, जो चाहूं करूंगा" – एडीएम का कथित बयान
घटना के अनुसार, सांसद इकरा हसन और अध्यक्षा शमा परवीन किसी नगर विकास योजना से संबंधित मुद्दे पर चर्चा के लिए एडीएम प्रशासन के कार्यालय पहुंची थीं। तभी वहां मौजूद एडीएम ने उन्हें न केवल बात करने से रोका, बल्कि कथित रूप से यह भी कहा कि, "कार्यालय मेरा है, जो मन चाहे करूंगा, आपको बाहर जाना होगा।" यह व्यवहार जनप्रतिनिधियों को अपमानजनक लगा, जिसके बाद सांसद ने सीधे मंडलायुक्त से शिकायत की।
सांसद इकरा हसन ने जताई नाराज़गी
सांसद इकरा हसन ने इस घटना को लोकतंत्र के विरुद्ध बताया। उन्होंने कहा कि जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों का इस तरह अपमान करना पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है। उन्होंने कहा कि वे सिर्फ क्षेत्र की समस्याओं को रखने गई थीं, लेकिन अधिकारियों का रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य था।
मंडलायुक्त ने दिए जांच के आदेश
शिकायत के बाद मामला तूल पकड़ गया और मेरठ मंडल के मंडलायुक्त ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सहारनपुर जिलाधिकारी को जांच के आदेश दे दिए हैं। जिलाधिकारी को निर्देशित किया गया है कि वे मामले की निष्पक्ष जांच कर पूरी रिपोर्ट शीघ्र मंडलायुक्त कार्यालय को सौंपें।
राजनीतिक हलकों में हलचल
यह मामला सामने आने के बाद राजनीतिक हलकों में भी हलचल तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के नेताओं ने इसे प्रशासन की मनमानी करार दिया है, वहीं कुछ विपक्षी नेताओं ने भी अफसरशाही पर सवाल खड़े करते हुए जनप्रतिनिधियों के सम्मान की बात कही है।
जनता में नाराज़गी
घटना के बाद सोशल मीडिया पर भी तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। लोगों ने जनप्रतिनिधियों के साथ इस तरह के व्यवहार की निंदा करते हुए प्रशासन से जवाबदेही की मांग की है।

