कैराना सांसद इकरा हसन और नगर पंचायत अध्यक्ष शमा परवीन के साथ अभद्रता का मामला, एडीएम पर लगा पद का दुरुपयोग करने का आरोप
कैराना से सांसद इकरा हसन और छुटमलपुर नगर पंचायत की अध्यक्ष शमा परवीन के साथ कथित तौर पर एडीएम प्रशासन द्वारा की गई अभद्रता का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। आरोप है कि एडीएम प्रशासन ने दोनों जनप्रतिनिधियों से न केवल अशोभनीय व्यवहार किया, बल्कि उन्हें कार्यालय से बाहर निकलने के लिए भी कह दिया।
सांसद इकरा हसन ने आरोप लगाया है कि एडीएम प्रशासन ने अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए कहा कि "यह कार्यालय मेरा है, मैं जैसा चाहूं वैसा करूंगा।" इस व्यवहार से आहत होकर सांसद ने इस घटना की शिकायत मंडलायुक्त से की, जिसके बाद मंडलायुक्त ने जिलाधिकारी को मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।
घटना का विवरण
घटना के अनुसार, कैराना सांसद इकरा हसन और शमा परवीन किसी जनसमस्या को लेकर एडीएम प्रशासन के कार्यालय में पहुंचे थे। बातचीत के दौरान कथित रूप से एडीएम ने असभ्य लहजे में बातचीत की और दोनों महिला जनप्रतिनिधियों को कार्यालय छोड़ने के लिए कह दिया। यह पूरा घटनाक्रम अनौपचारिक बैठक के दौरान हुआ।
सांसद ने कहा कि यह न केवल लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन है, बल्कि एक महिला सांसद और एक नगर पंचायत अध्यक्षा का अपमान भी है। उन्होंने कहा कि अधिकारी अगर जनप्रतिनिधियों के साथ ऐसा व्यवहार करेंगे, तो आम जनता के साथ कैसा व्यवहार करेंगे, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और प्रशासन की स्थिति
यह मामला सामने आने के बाद विपक्षी दलों ने प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। सपा, कांग्रेस और बसपा के नेताओं ने इस घटना को "जनप्रतिनिधियों का अपमान" बताते हुए एडीएम के निलंबन की मांग की है। वहीं, कुछ प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि बातचीत के दौरान गलतफहमी हो गई थी, जिसे अब राजनीतिक रंग दिया जा रहा है।
हालांकि, जिलाधिकारी को जांच सौंपी गई है और कहा गया है कि रिपोर्ट आने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी ने भी भरोसा दिलाया है कि जांच निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से की जाएगी।
महिला जनप्रतिनिधियों के सम्मान का सवाल
यह मामला इसलिए भी संवेदनशील बन गया है क्योंकि इसमें दो महिला जनप्रतिनिधियों के साथ दुर्व्यवहार का आरोप है। महिला अधिकार संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि एक महिला सांसद और नगर पंचायत अध्यक्ष के साथ इस तरह का व्यवहार बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है।

