न्याय उस भाषा में मिले, जिसे लोग आसानी से समझ सकें… उन्नाव रेप केस मामले में पीड़िता के पक्ष में अखिलेश की अपील
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्नाव रेप केस को लेकर एक अहम बयान दिया है। उन्होंने अपील की है कि जब तक न्याय की भाषा समझ में नहीं आएगी, तब तक सच्चा न्याय नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि न्याय ऐसी भाषा में दिया जाना चाहिए जिसे लोग आसानी से समझ सकें। समाजवादी पार्टी प्रमुख ने ट्वीट किया कि न्याय तभी मिलेगा जब न्याय की भाषा समझ में आएगी। न्याय के लिए भाषा का समावेश भी ज़रूरी है। इसका मतलब है कि कोर्ट की कार्यवाही में ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया जाना चाहिए जिसे न्याय मांगने वाले आसानी से समझ सकें।
अखिलेश यादव का यह बयान उन्नाव रेप केस के संदर्भ में आया है। इस मामले में पीड़िता ने कोर्ट की बहस अंग्रेजी में होने पर आपत्ति जताई थी, क्योंकि उसे कार्यवाही समझने में मुश्किल हो रही थी। अखिलेश यादव का कहना है कि न्यायिक प्रक्रिया में भाषा की रुकावटें दूर होनी चाहिए ताकि पीड़िता पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से समझ सके।
कुलदीप सेंगर को 23 दिसंबर को ज़मानत मिली थी।
दिल्ली हाई कोर्ट ने 23 दिसंबर को कुलदीप सिंह सेंगर को ज़मानत दी थी, और उनकी उम्रकैद की सज़ा भी सस्पेंड कर दी थी। निचली अदालत ने 2019 में सेंगर को उम्रकैद की सज़ा सुनाई थी। दिल्ली हाई कोर्ट ने राहत देते हुए कहा कि सेंगर इस मामले में पहले ही सात साल पांच महीने जेल में बिता चुका है। सज़ा सस्पेंड होने के बावजूद सेंगर जेल से बाहर नहीं आ पाएगा।
क्योंकि वह पीड़िता के पिता की कस्टोडियल डेथ के मामले में भी 10 साल की सज़ा काट रहा है, जिसके लिए उसे अभी तक ज़मानत नहीं मिली है। दिल्ली हाई कोर्ट ने कुलदीप को शर्तों के साथ ज़मानत दी। कोर्ट ने सेंगर को निर्देश दिया कि वह पीड़िता के घर के पांच किलोमीटर के दायरे में न आए और उसे या उसकी मां को धमकी न दे। कोर्ट ने कहा कि किसी भी शर्त का उल्लंघन करने पर ज़मानत रद्द कर दी जाएगी। सेंगर ने पीड़िता को तब किडनैप करके रेप किया था जब वह नाबालिग थी।

