झांसी हत्याकांड: जब बहू बनी सास की कातिल — एक साजिश, कई परतें

उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में सामने आया एक हत्याकांड सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि विश्वासघात, पारिवारिक कलह, लालच और अवैध रिश्तों की उस खतरनाक परत को उजागर करता है, जो समाज की नींव को झकझोर देती है। इस केस की मुख्य आरोपी 29 वर्षीय पूजा जाटव है, जिस पर अपनी 60 वर्षीय सास सुशीला देवी की हत्या की साजिश रचने का आरोप है। शुरुआत में यह मामला एक आम डकैती जैसा प्रतीत हुआ, लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, एक बेहद चौंकाने वाली कहानी सामने आई।
घटना की शुरुआत: डकैती या हत्या?
24 जून की शाम, झांसी के टहरौली थाना क्षेत्र में सुशीला देवी अपने घर में मृत अवस्था में मिलीं। प्रथम दृष्टया ऐसा लगा कि किसी गिरोह ने डकैती के दौरान हत्या की होगी। घर से करीब 8 लाख रुपये के गहने गायब थे, जिससे पुलिस को डकैती की थ्योरी पर यकीन हो गया। लेकिन मामला तब पलट गया जब अंतिम संस्कार के बाद बहू पूजा जाटव अचानक गायब हो गई।
पुलिस ने जब जांच तेज की तो मोबाइल लोकेशन, कॉल रिकॉर्ड, सीसीटीवी फुटेज और गवाहों की जानकारी के आधार पर पाया गया कि हत्या की साजिश खुद पूजा ने रची थी। पूजा, जो मूल रूप से ग्वालियर की रहने वाली है, झांसी की 18 बीघा पुश्तैनी जमीन को बेचकर ग्वालियर में बसना चाहती थी। ये जमीन उसके दिवंगत पति कल्याण के नाम पर थी, लेकिन सास सुशीला देवी ने दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया।
हत्या की साजिश: बहन और प्रेमी बने हथियार
अपनी योजना को अंजाम देने के लिए पूजा ने अपनी बहन कामिनी और प्रेमी अनिल वर्मा को शामिल किया। दोनों 24 जून की शाम झांसी पहुंचे। जब घर के अन्य सदस्य बाहर थे, तो दोनों ने सुशीला देवी को पहले जहर का इंजेक्शन दिया, फिर गला घोंटकर उनकी हत्या कर दी। इसके बाद गहने भी चुरा लिए ताकि घटना को डकैती जैसा दिखाया जा सके।
लेकिन पूजा का संभावनाओं से परे गायब हो जाना, उसके बयानों में विरोधाभास और तकनीकी साक्ष्य जैसे मोबाइल डेटा, पुलिस को उसकी ओर खींच ले गए। पूछताछ में जब पुलिस ने कड़ाई की तो पूजा टूट गई और साजिश का पर्दाफाश हो गया।
पूजा का अतीत: झूठ, हिंसा और अवैध संबंध
पूजा का अतीत भी कम विवादास्पद नहीं रहा। उसकी पहली शादी ग्वालियर में हुई थी, जिसमें घरेलू हिंसा के आरोप लगे। एक झगड़े में उसके पहले पति ने पूजा पर गोली चला दी। मामला कोर्ट तक पहुंचा और उसी दौरान पूजा की मुलाकात कल्याण से हुई। दोनों ने शादी कर ली, लेकिन छह साल बाद कल्याण की एक संदिग्ध सड़क दुर्घटना में मौत हो गई।
इसके बाद पूजा ने अपने देवर संतोष से संबंध बना लिए। वह पहले से शादीशुदा था, लेकिन पूजा के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहने लगा। संतोष की पत्नी ने इस रिश्ते का लगातार विरोध किया, जिससे परिवार में झगड़े होने लगे। पूजा ने कल्याण की विधवा होने के आधार पर पैतृक संपत्ति में हिस्सेदारी की मांग की, जिसका सास सुशीला देवी ने कड़ा विरोध किया।
अवैध संबंधों का जाल और हत्या की ठान
बताया जा रहा है कि पूजा के अपने ससुर के साथ भी अवैध संबंध थे। यह बात सुशीला देवी को नागवार गुजरती थी। जैसे-जैसे परिवार के सदस्य पूजा का समर्थन छोड़ने लगे, उसने सास को रास्ते से हटाने की साजिश रच डाली। एक मां, एक सास — जिसे परिवार का स्तंभ माना जाता है, उसे उसी परिवार की बहू ने झूठ, धोखे और लालच के चलते मौत के घाट उतार दिया।