यूपी में अब सियार, लोमड़ी और मधुमक्खियों के हमले पर भी मिलेगा मुआवजा, राज्य आपदा में हुए शामिल

भवन गिरने से होने वाली मौत भी आपदा की श्रेणी में शामिल होगी। इससे पहले प्रदेश सरकार ने राहत आयुक्त कार्यालय से शासन को सियार, लोमड़ी और मधुमक्खियों के हमले को राज्य आपदा की श्रेणी में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा था। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक में इस प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल गई है। ऐसी आपदाओं में मुआवजा भी दिया जाएगा। अभी आपदा से मौत होने पर 4 लाख रुपये की राहत राशि दी जाती है। घायल होने पर भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा।
प्रदेश सरकार भवन गिरने की घटना को भी राज्य आपदा घोषित करने जा रही है। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। इसके साथ ही मानव-पशु संघर्ष में सियार, लोमड़ी और मधुमक्खियों के काटने से होने वाली मौतों को भी आपदा में शामिल करने पर सहमति बन गई है। इसके अलावा बाघ, शेर, तेंदुआ, भेड़िया, लकड़बग्घा, मगरमच्छ, हाथी, गैंडा और जंगली सूअर को वन्य जीवों में शामिल किया गया है। राजस्व सचिव जल्द ही इस संबंध में शासनादेश जारी करेंगे।
प्रदेश में अब तक 11 तरह की राज्य आपदाएं घोषित की जा चुकी हैं। इसके अलावा राज्य सरकार ने बेमौसम बारिश (भारी बारिश), बिजली, तूफान, लू, नाव दुर्घटना, सांप काटने, सीवर सफाई और गैस रिसाव, बोरवेल में गिरने, मानव-वन्य जीव संघर्ष, पानी (कुआं, नदी, तालाब, झील, शहर, सीवर, खाई, झरना) में डूबने से मौत, बैल और नीलगाय के हमले आदि को आपदाओं की श्रेणी में रखा है। अगर सियार, लोमड़ी और मधुमक्खी के हमले में किसी व्यक्ति की मौत होती है तो आश्रितों को 4 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा। वहीं घायल होने पर सरकारी अस्पताल में मुफ्त इलाज कराया जाएगा। मुआवजा पाने के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट में संबंधित आपदा से मौत की पुष्टि होना जरूरी है। इस रिपोर्ट के आधार पर आश्रितों को 1070 पर संपर्क कर मुआवज़े की जानकारी देनी होगी। संबंधित जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय या संबंधित एडीएम को भी सूचित करना होगा। जिसके बाद संबंधित तालुका से रिपोर्ट लेकर 24 से 72 घंटे के अंदर मुआवज़े की राशि का ऐलान कर दिया जाएगा।