पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी ने बनवाया था 'तिवारी हाता...' अब टूटने लगी दीवार- जानिए क्यों

तिवारी हाता की दीवार गिराए जाने की लंबे समय से चली आ रही अफवाह मंगलवार रात सच साबित हुई। पूर्व मंत्री स्वर्गीय हरिशंकर तिवारी ने तिवारी हाता बनवाया था, इसलिए उसकी सीमाओं को तोड़ना, उसे छूना तो दूर की बात थी, सपनों से भी परे माना जाता था।
पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा विभिन्न मामलों में गिरफ्तार किए जाने के बाद अब हेरिटेज कॉरिडोर को चौड़ा करने के लिए तिवारी हाता की दीवार को तोड़ा जा रहा है। मंगलवार को श्रमिकों ने इसे गिराने का काम शुरू कर दिया।
वहीं, हेरिटेज कॉरिडोर को ध्वस्त करने से पहले उचित मुआवजे को लेकर हाईकोर्ट में दायर याचिका में कोर्ट ने फिर कहा है कि निर्माण के लिए प्रशासन अध्यादेश के तहत भूमि अधिग्रहण करे या अन्य कानूनी प्रक्रिया अपनाए। हालांकि, तिवारी परिवार को इसकी जानकारी पहले से थी, इसलिए पुरानी दीवार के समानांतर अंदर से नई मजबूत दीवार बना दी गई है।
दीवार गिराने के बाद खाली जगह पर नाली बनाई जाएगी। शहर के अंदर धर्मशाला ब्रिज से जटाशंकर, अलीनगर, घंटाघर होते हुए पांडेहाता तक करीब साढ़े चार किलोमीटर का हेरिटेज कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव है। इसका निर्माण लोक निर्माण विभाग को करना है।
इससे पहले हेरिटेज कॉरिडोर के लिए 16.5 मीटर की चौड़ाई तय की गई थी। इस आधार पर प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा गया, लेकिन स्थानीय व्यापारियों की आपत्ति के बाद इसे घटाकर 12.5 मीटर कर दिया गया। इस सड़क के निर्माण के लिए प्रथम किस्त के रूप में 194 करोड़ रुपये की धनराशि भी जारी कर दी गई है।
नए डिजाइन को मंजूरी मिलने के बाद फरवरी में जमीन और मकान के रजिस्ट्रेशन के साथ चौड़ाई बढ़ाने का काम शुरू हो गया। धर्मशाला पुल से जटाशंकर तिराहा के बीच सड़क के एक तरफ सीवर निर्माण का काम चल रहा है, जबकि दूसरी तरफ मकान और दुकानें तोड़ी जा रही हैं।
मंगलवार रात से शुरू हुआ बाउंड्री तोड़ने का काम : जटाशंकर तीरा से पांडेहाता तक निर्माण अभी शुरू नहीं हुआ है, लेकिन दोनों तरफ मकान तोड़ने का काम जारी है। पिछले दिनों जब ईडी ने अचानक पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी को गिरफ्तार किया तो लोगों को पता चला कि दीवार के भीतर एक और दीवार बनाई जा रही है।
तिवारी हाता की पुरानी बाउंड्रीवाल को तोड़ने का काम भी मंगलवार शाम को शुरू हो गया। सड़क निर्माण कार्य से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि बाउंड्रीवाल के अंदर करीब डेढ़ फीट सरकारी जमीन थी। पूर्व सांसद कुशल तिवारी के परिजनों को इसकी जानकारी काफी पहले ही दे दी गई थी। इसके बाद उन्होंने खुद ही नई दीवार बना ली और पुरानी दीवार को भी उनके ही मजदूर हटा रहे हैं।