शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत गरीब बच्चों के प्रवेश में गड़बड़ी, पालकों का विरोध

छत्तीसगढ़ में शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत गरीब बच्चों को स्कूलों में प्रवेश देने के प्रक्रिया में गड़बड़ी की शिकायत सामने आई है। पालकों का आरोप है कि दस्तावेजों के सत्यापन और लॉटरी प्रक्रिया में अनियमितताएं हो रही हैं, जिससे वास्तविक पात्र बच्चों को प्रवेश से वंचित किया जा रहा है। इस गड़बड़ी से नाराज पालकों ने आम आदमी पार्टी (AAP) के नेताओं की अगुवाई में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय का घेराव किया।
पालकों का कहना है कि कई बच्चों के आवेदन सही दस्तावेजों के साथ भरे गए थे, लेकिन लॉटरी के दौरान उनकी चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव था। इसके अलावा, दस्तावेजों के सत्यापन में भी कई खामियां पाई गईं, जिससे उनके बच्चों को स्कूलों में प्रवेश नहीं मिल पाया। पालकों ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ अन्य बच्चों को जो शिक्षा का अधिकार (आरटीई) योजना के तहत पात्र नहीं थे, उन्हें प्रवेश मिल गया है।
नाराज पालकों के साथ आम आदमी पार्टी के नेताओं ने जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने प्रदर्शन के दौरान जोरदार नारेबाजी की और शिक्षा व्यवस्था में सुधार की मांग की। इसके बाद, जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद मिश्रा ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों से बातचीत की और उन्हें भरोसा दिलाया कि वे मामले की गंभीरता को समझते हैं और जल्द ही खामियों को दूर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी पात्र बच्चों को प्रवेश दिलाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
डीईओ अरविंद मिश्रा ने कहा, "हमारी प्राथमिकता यह है कि कोई भी पात्र बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। हम आवेदन पत्रों की समीक्षा करेंगे और जहां भी गड़बड़ी हुई है, वहां सुधार करेंगे।" उन्होंने यह भी बताया कि संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखें और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की जांच की जाए। इस घटनाक्रम के बाद, पालकों ने प्रशासन से पूरी प्रक्रिया में सुधार की मांग की है, ताकि भविष्य में इस तरह की समस्याओं का सामना न करना पड़े और सभी गरीब बच्चों को उनका अधिकार मिल सके।