प्रदेश के कोरोना मरीजों की जीनोम सिक्वेसिंग कराने के निर्देश, निजी और सरकारी प्रयोगशालाओं को आदेश

प्रदेश में कोविड मरीजों की जांच के दौरान यदि सीटी वैल्यू 25 या उससे कम पाई जाती है तो संबंधित मरीज की जीनोम सीक्वेंसिंग की जाएगी। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। शासन की ओर से भेजे गए निर्देश में कहा गया है कि कई जिलों में कोविड मरीज मिले हैं। गाजियाबाद और जीबी नगर पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। यहां सबसे ज्यादा मरीज मिले हैं। इसी तरह अन्य जिलों में भी निगरानी रखी जाए। जांच के दौरान यदि सीटी वैल्यू 25 या उससे कम पाई जाती है तो संबंधित सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग की जाए। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, मेरठ, अलीगढ़, आगरा और मुरादाबाद मंडल के जिलों के सैंपल नई दिल्ली स्थित एनसीडीसी लैब में भेजे जा सकते हैं। इसी तरह अन्य जिलों के सैंपल केजीएमयू की माइक्रोबायोलॉजी लैब में भेजे जा सकते हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को अपने-अपने जिलों की निजी लैब को भी इसकी सूचना देने के निर्देश दिए गए हैं। क्योंकि अभी तक ज्यादातर पॉजिटिव केस निजी लैब से ही आ रहे हैं। निजी लैब को भी सभी तरह की जांच से जुड़े प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए। अस्पताल अधीक्षक सुबह-शाम करेंगे व्यवस्थाओं का निरीक्षण
प्रदेश के अस्पतालों में व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए नई रणनीति अपनाई गई है। सभी अस्पतालों के अधीक्षकों को सुबह-शाम व्यवस्थाओं का निरीक्षण (राउंड) करना होगा। अधीक्षक की अनुपस्थिति में अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्साधिकारी राउंड लेंगे। राउंड लेते समय ली गई फोटोग्राफ भी अपर निदेशक व महानिदेशक कार्यालय को भेजनी होगी। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने सभी मंडलीय, जिला, महिला व संयुक्त अस्पतालों के अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि अस्पताल अधीक्षक प्रतिदिन सुबह-शाम वार्डों व परिसर का निरीक्षण करें। वार्डों व अस्पताल परिसर का एक राउंड सुबह आठ बजे या ओपीडी शुरू होने से पहले तथा इसी तरह एक राउंड अस्पताल प्रमुख व प्रभारी द्वारा देर शाम/रात में निरीक्षण किया जाएगा। इस दौरान साफ-सफाई, मरीजों व उनके तीमारदारों को दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता, ठंडे व स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता, पंखे व कूलर का संचालन, तीमारदारों के लिए छायादार स्थान की व्यवस्था, विद्युत सुरक्षा जांच बिंदु, ऑक्सीजन प्लांट, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड व एक्सरे आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि मरीजों व तीमारदारों को बाहर से दवा खरीदने, जांच करवाने या अन्य सामग्री किसी खास स्थान से खरीदने के लिए मजबूर न होना पड़े। रोजाना सुबह व शाम/रात के राउंड के दौरान खींची गई तस्वीरों को व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर किया जाएगा। इसे महानिदेशक व निदेशक (चिकित्सा उपचार) को भी भेजा जाएगा।