
खीमपुर खीरी जिले से एक दर्दनाक खबर सामने आई है, जहां बाघ के हमले में गंभीर रूप से घायल हुए 12 वर्षीय बालक की इलाज के दौरान मौत हो गई। कुकरा गांव निवासी प्रदीप कुमार पर बीते दिनों बाघ ने हमला कर दिया था, जिसके बाद उसे गंभीर हालत में लखनऊ रेफर किया गया था। मंगलवार सुबह इलाज के दौरान प्रदीप ने दम तोड़ दिया। उसकी मौत की खबर से परिवार में कोहराम मच गया और पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई।
जानकारी के मुताबिक, प्रदीप अपने खेतों के पास किसी काम से गया था, तभी अचानक जंगल से निकले एक बाघ ने उस पर हमला कर दिया। स्थानीय लोगों और परिजनों ने किसी तरह बाघ को भगाया और खून से लथपथ हालत में प्रदीप को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां से उसकी नाजुक हालत को देखते हुए लखनऊ ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया।
लखनऊ में इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उसे बचाने की हरसंभव कोशिश की, लेकिन चोटें इतनी गंभीर थीं कि मंगलवार सुबह उसने दम तोड़ दिया। प्रदीप की मौत की खबर मिलते ही परिवार में मातम छा गया। मां-बाप का रो-रोकर बुरा हाल है और गांव के लोग भी शोक में डूबे हुए हैं।
ग्रामीणों ने वन विभाग और प्रशासन से क्षेत्र में लगातार हो रहे बाघ के हमलों पर रोक लगाने और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि बाघों की आवाजाही दिनोंदिन बढ़ती जा रही है, जिससे लोगों में डर का माहौल है और खेतों में जाना भी जोखिम भरा हो गया है।
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिले का यह इलाका दुधवा नेशनल पार्क और घने जंगलों से सटा हुआ है, जिससे अक्सर बाघ, तेंदुए और अन्य जंगली जानवर गांवों की ओर आ जाते हैं। बीते कुछ महीनों में इस क्षेत्र में वन्यजीवों द्वारा इंसानों पर हमले के कई मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन अब तक इस पर ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है।
प्रदीप की मौत के बाद वन विभाग की टीम गांव पहुंची और परिजनों से बातचीत की। विभाग की ओर से आश्वासन दिया गया कि पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता दी जाएगी और क्षेत्र में बाघ की मूवमेंट पर नजर रखने के लिए विशेष गश्त बढ़ाई जाएगी।
हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि सिर्फ आश्वासन से काम नहीं चलेगा, जब तक बाघ को पकड़कर जंगल में नहीं छोड़ा जाएगा या गांवों की सुरक्षा के लिए स्थायी इंतजाम नहीं किए जाएंगे, तब तक जान का खतरा बना रहेगा।
प्रदीप की मौत ने प्रशासन और वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना होगा कि इस घटना के बाद जिम्मेदार अधिकारी कितनी तेजी से हरकत में आते हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या ठोस कदम उठाए जाते हैं।