उत्तर और दक्षिण को जोड़ने की पहल: श्री काशी विश्वनाथ धाम से रामेश्वरम तक त्रिवेणी जल का आदान-प्रदान
उत्तर और दक्षिण भारत के पवित्र स्थलों को जोड़ने की एक महत्वपूर्ण पहल श्री काशी विश्वनाथ धाम से शुरू हुई है। सोमवार की शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामेश्वरम मंदिर न्यास के प्रतिनिधियों को त्रिवेणी का पवित्र जल सौंपा, जिससे धार्मिक एकता और सांस्कृतिक समरसता का संदेश मिलता है।
त्रिवेणी जल से होगा श्री रामनाथस्वामी का अभिषेक
श्री काशी विश्वनाथ धाम से भेजे गए इस पवित्र जल और साथ में लाई गई रेत का उपयोग तमिलनाडु स्थित रामेश्वरम के प्रमुख ज्योतिर्लिंग, श्री रामनाथस्वामी भगवान के अभिषेक में किया जाएगा। यह अनुष्ठान धार्मिक विश्वास और परंपराओं को मजबूत करने के साथ-साथ उत्तर और दक्षिण भारत के बीच एक आध्यात्मिक कड़ी का काम करेगा।
रामेश्वरम से काशी को भी जलाभिषेक
इसी प्रकार, रामेश्वरम से भेजे गए पवित्र जल का उपयोग सावन माह की पूर्णिमा तिथि पर काशी के विश्वनाथ मंदिर में श्री विश्वेश्वर भगवान के जलाभिषेक के लिए किया जाएगा। इस आदान-प्रदान से दोनों पवित्र स्थलों के बीच गहरी धार्मिक और सांस्कृतिक एकता स्थापित होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पहल को उत्तर-देश की धार्मिक परंपराओं और दक्षिण-देश के पवित्र स्थलों को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से देश में सांस्कृतिक समरसता और धार्मिक सौहार्द बढ़ता है।
धार्मिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक
यह पहल न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह उत्तर और दक्षिण भारत के बीच सांस्कृतिक मेलजोल का भी प्रतीक है। त्रिवेणी जल के आदान-प्रदान के माध्यम से दोनों क्षेत्रों के लोग एक-दूसरे की धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं के प्रति सम्मान व्यक्त कर रहे हैं।

