
भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की सफलता पर उनके माता-पिता बेहद भावुक हो गए। वे कानपुर रोड स्थित सीएमएस (City Montessori School) के एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे, जहां उनके बेटे की ऐतिहासिक उपलब्धि पर उन्हें सम्मानित किया गया। शुभांशु शुक्ला, जो 41 साल पहले राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बने हैं, की उपलब्धि पर उनके परिवार में गर्व और खुशी का माहौल था।
राकेश शर्मा के बाद दूसरा भारतीय अंतरिक्ष यात्री
शुभांशु शुक्ला की यात्रा ने उन्हें भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है। वह 41 वर्ष पहले राकेश शर्मा के बाद पृथ्वी के चक्कर लगाने वाले दूसरे भारतीय बने। राकेश शर्मा, जिनकी अंतरिक्ष यात्रा ने भारतीयों को गर्व महसूस कराया था, के बाद शुभांशु की इस उपलब्धि ने भारत के अंतरिक्ष अभियान को और भी मजबूत किया है। शुभांशु शुक्ला के अंतरिक्ष में जाने के बाद से भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में नई संभावनाओं के द्वार खुले हैं।
माता-पिता की भावनाएं
शुभांशु के माता-पिता ने अपने बेटे की उपलब्धि पर गर्व महसूस करते हुए कहा, "हमारे लिए यह सपना साकार होने जैसा है। हम हमेशा अपने बेटे की सफलता के लिए दुआ करते रहे हैं, लेकिन जब वह अंतरिक्ष में गया, तो हमें ऐसा लगा जैसे हमारा सपना सच हो गया।" उनके माता-पिता का कहना था कि शुभांशु के संघर्ष और कड़ी मेहनत ने उसे इस मुकाम तक पहुंचाया।
कार्यक्रम में सीएमएस के शिक्षकों और छात्रों ने भी शुभांशु को सम्मानित किया और उसकी सफलता की सराहना की। इस दौरान शुभांशु के परिवार ने उनके संघर्ष की कहानी साझा की और बताया कि कैसे उन्होंने वायुसेना और अंतरिक्ष यात्रा में अपनी जगह बनाई।