वाराणसी में गंगा का उफान कम होने से घाटों की सीढ़ियों तक लौटी जलधारा, ललिता घाट और दीवारें पूरी तरह डूबी
बुधवार को गंगा नदी में उफान कम होने के बाद जलधारा सड़कों और गलियों से वापस घाटों की सीढ़ियों तक लौटने लगी। इससे राहत की सांस ली गई, लेकिन गंगा बाबा विश्वनाथ मंदिर के गंगा द्वार से 12 सीढ़ी नीचे तक पानी की स्तर की स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ है। ललिता घाट और आसपास की दीवारें अब भी पूरी तरह पानी में डूबी हुई हैं, जिससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
गंगा में पानी का स्तर बढ़ने से वाराणसी के कई प्रमुख घाटों और सड़कों पर बाढ़ का पानी घुस गया था, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ था। अब, हालांकि जलस्तर में कमी आई है, लेकिन गंगा घाटों के निचले हिस्से अभी भी पानी में डूबे हुए हैं। इसके बावजूद, स्थानीय प्रशासन राहत कार्यों में जुटा हुआ है, ताकि जलस्तर में और कमी आने पर घाटों तक सुलभता सुनिश्चित की जा सके।
गंगा नदी का उफान कम होने से अब तक घाटों पर स्थित मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों की दीवारों से पानी उतरने लगा है, हालांकि कई स्थानों पर जलभराव की स्थिति बनी हुई है। गंगा के किनारे स्थित कई बाजारों और गलियों में जलभराव की समस्या अब भी बनी हुई है, और प्रशासन इसे जल्द सुलझाने के प्रयास कर रहा है।
स्थानीय लोग राहत की उम्मीद कर रहे हैं कि गंगा का जलस्तर जल्द पूरी तरह सामान्य हो जाए, ताकि उनकी रोज़मर्रा की जिंदगी में कोई और रुकावट न आए। वहीं, मंदिर और घाटों पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी प्रशासन सुरक्षा के उपायों पर काम कर रहा है।

