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उत्तर प्रदेश में अब छोटे निर्माण कार्यों के लिए नक्शा पास करने की जरूरत नहीं, सिर्फ रजिस्ट्रेशन से होगा निर्माण का रास्ता साफ

उत्तर प्रदेश में अब छोटे निर्माण कार्यों के लिए नक्शा पास करने की जरूरत नहीं, सिर्फ रजिस्ट्रेशन से होगा निर्माण का रास्ता साफ

उत्तर प्रदेश सरकार ने विकास प्राधिकरणों के नक्शा पास करने की प्रक्रिया में बड़ी लचीलापन लाते हुए 5000 वर्ग फुट तक के आवासीय और 2000 वर्ग फुट तक के कमर्शल प्लॉट पर निर्माण के लिए नक्शा पास करवाने की बाध्यता को खत्म कर दिया है। अब इन प्लॉटों पर आर्किटेक्ट से मैप बनवाना ही पर्याप्त होगा, जिससे निर्माण प्रक्रिया को तेजी से पूरा किया जा सकेगा।

1000 वर्ग फुट तक के प्लॉट पर रजिस्ट्रेशन ही होगा पर्याप्त

इसके साथ ही 1000 वर्ग फुट तक के आवासीय प्लॉट और 3000 वर्ग फुट तक के कमर्शल प्लॉट पर निर्माण के लिए केवल रजिस्ट्रेशन की जरूरत होगी। इस बदलाव से छोटे प्लॉट मालिकों के लिए निर्माण कार्य में सरकारी झंझटों में कमी आएगी और प्रक्रिया सरल होगी।

मिक्स्ड लैंड यूज को भी शामिल किया गया

राज्य सरकार ने मिक्स्ड लैंड यूज (Mixed Land Use) को भी इस नई प्रक्रिया का हिस्सा बना दिया है। इससे अब आवासीय और वाणिज्यिक गतिविधियों को एक साथ करने की अनुमति मिल सकेगी, जिससे व्यावसायिक और आवासीय क्षेत्रों का बेहतर समन्वय स्थापित होगा।

निर्माण के लिए सख्त नियमों में ढील

यह बदलाव प्रभावी और समय की बचत करने वाली नीति साबित हो सकती है, खासकर उन लोगों के लिए जिनके पास छोटे भूखंड हैं और जिनकी आमदनी सीमित है। पहले इस तरह के निर्माण कार्यों के लिए नक्शा पास करवाना एक लंबी और जटिल प्रक्रिया थी, अब इसे सरल बनाने के प्रयास किए गए हैं।

कनेक्टिविटी में सुधार के साथ प्रगति

इसके साथ ही राज्य सरकार ने विकास प्राधिकरणों को अपने कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए कहा है। सरकार का उद्देश्य है कि छोटे और बड़े निर्माण कार्यों की प्रक्रिया को स्मार्ट सिटी के दृषटिकोन से जोड़ना और स्थानीय स्तर पर विकास को गति देना।

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