
इस समझौते पर 2011 में भी हस्ताक्षर किये गये थे। इसके बाद उन्होंने इसका फाइनेंस कराया और 8,92,400 रुपये दिए। इस बीच, अंसल ने नया अनुबंध तैयार कर भूखंड पर कब्जा दिलाने के प्रयास शुरू कर दिए थे। आरोपी ने अतिरिक्त पैसे ले लिए और सभी दस्तावेज जमा करा दिए। आरोप है कि आरोपियों ने न तो प्लॉट की रजिस्ट्री की और न ही पैसे लौटाए।
परेशान होकर पीड़ित ने अंसल के महाप्रबंधक व निदेशक समेत अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। उधर, सीतापुर के विजय लक्ष्मी नगर निवासी विजय जगवानी ने भी प्लॉट दिलाने के नाम पर 5,98,735 रुपये हड़पने का मामला दर्ज कराया है। इसी तरह विष्णुलोक कॉलोनी निवासी एसके घोष ने भी प्रणव अंसल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। आरोप है कि उन्होंने एक विला बुक कराया था। इसके बदले में अंसल ने उनसे 11,60,123 लाख रुपये की अग्रिम राशि ली। 14 साल बाद भी आरोपी ने न तो कब्जा सौंपा और न ही पैसे लौटाए।
गोरखपुर के गोलखघर निवासी अर्चना राय ने भी 2011 में अपनी मां के नाम पर अंसल में प्लॉट बुक कराया था। इसके बदले में उन्हें कुल 10 लाख रुपए मिले। 21 लाख नौ हजार रुपये भी जमा करा दिए गए, लेकिन प्लॉट की रजिस्ट्री नहीं हुई। उधर, मिर्जापुर के चुनार स्थित खान जादीपुर निवासी अजय कुमार सिंह व मनोज कुमार सिंह ने भी अंसल के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है। इसके अलावा एचएएल टाउनशिप कानपुर निवासी रितेश कुमार गुप्ता, मसकगंज चौक निवासी आशा मिश्रा और लहरपार आजमगढ़ निवासी अरुण कुमार सिंह ने भी बिल्डर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई की मांग की है।