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मथुरा में बोले जगतगुरु परमहंसाचार्य, अनिरुद्धाचार्य के बयान पर जताई नाराजगी, कहा– या तो ज्ञान का अभाव है या फिर अहंकार

मथुरा में बोले जगतगुरु परमहंसाचार्य: अनिरुद्धाचार्य के बयान पर जताई नाराजगी, कहा– या तो ज्ञान का अभाव है या फिर अहंकार

त्तर प्रदेश के मथुरा में पहुंचे जगतगुरु परमहंसाचार्य महाराज ने कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के हालिया बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। परमहंसाचार्य महाराज ने कहा कि अनिरुद्धाचार्य के बयान से उन्हें गहरा दुख हुआ है और यह बयान किसी "लड़कपन और घमंड" का प्रतीक है।

“या तो ज्ञान नहीं है या फिर घमंड”: परमहंसाचार्य

मीडिया से बातचीत में परमहंसाचार्य महाराज ने कहा—

"कथावाचक अनिरुद्धाचार्य जिस तरह की बातें कर रहे हैं, उसके पीछे दो ही कारण हो सकते हैं—या तो ज्ञान का अभाव है या फिर अहंकार।"

उन्होंने आगे कहा,

"मुझे जब यह बात सुनने को मिली तो बड़ा दुख हुआ। लगता है अभी उम्र कम है, और छोटी उम्र में पैसा और सम्मान दोनों ही मिल गया है, जो शायद पच नहीं पा रहा है। यह सब लड़कपन की निशानी है।"

महिलाओं पर टिप्पणी को बताया आपत्तिजनक

इस चर्चा के बीच मौलाना साजिद रशीदी का भी एक बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने महिलाओं को लेकर विवादास्पद टिप्पणी की थी। इस पर भी परमहंसाचार्य ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा,

"मौलाना साजिद रशीदी का बयान नारी के खिलाफ था। नारी का अपमान किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। सनातन संस्कृति में नारी का स्थान मां के रूप में सर्वोच्च माना गया है।"

क्या था विवाद?

हाल ही में कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान कुछ ऐसे बयान दिए थे, जिन्हें सामाजिक रूप से आपत्तिजनक और धार्मिक मर्यादाओं के विपरीत माना जा रहा है। उनके इन बयानों को लेकर सोशल मीडिया पर भी तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं।

धर्मगुरुओं से संयमित भाषा की अपील

जगतगुरु परमहंसाचार्य महाराज ने कहा कि धार्मिक मंचों से बोलने वाले व्यक्तियों को संयमित और विचारशील भाषा का प्रयोग करना चाहिए, क्योंकि उनका एक-एक शब्द लाखों लोगों को प्रभावित करता है।

उन्होंने कहा,

"जो भी धर्म का प्रतिनिधित्व करता है, उसे पहले धर्म का गहन अध्ययन करना चाहिए। केवल वाणी नहीं, विचार और व्यवहार भी धर्म का प्रतिनिधित्व करते हैं।"

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