Samachar Nama
×

चंदापुर गांव में प्राचीन हनुमान मंदिर के सामने अवैध दीवार निर्माण पर बवाल, ग्राम प्रधान ने की कार्रवाई की मांग

चंदापुर गांव में प्राचीन हनुमान मंदिर के सामने अवैध दीवार निर्माण पर बवाल, ग्राम प्रधान ने की कार्रवाई की मांग

स्थानीय चंदापुर गांव में शुक्रवार सुबह उस समय विवाद खड़ा हो गया जब प्राचीन हनुमान मंदिर के सामने अवैध रूप से पक्की दीवार खड़ी कर दी गई। यह दीवार न सिर्फ मंदिर के रास्ते को बाधित कर रही है, बल्कि गांव की सरकारी इंटरलॉकिंग सड़क को भी क्षतिग्रस्त कर रही है। इस मामले को लेकर ग्राम प्रधान गीता देवी ने शनिवार को चंदापुर पुलिस चौकी पहुंचकर मनबढ़ों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

ग्राम प्रधान ने दी तहरीर

ग्राम प्रधान गीता देवी द्वारा दी गई तहरीर में कहा गया है कि कुछ असामाजिक तत्वों ने सरकारी भूमि और सड़क पर अतिक्रमण करते हुए पक्की दीवार खड़ी कर दी है। इसके चलते न केवल गांव के श्रद्धालुओं को मंदिर पहुंचने में परेशानी हो रही है, बल्कि सरकारी संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया गया है।

तहरीर में आरोप लगाया गया है कि मनबढ़ों ने जानबूझकर इंटरलॉकिंग ईंटों को उखाड़कर दीवार का निर्माण शुरू किया है, जो कि कानूनन पूरी तरह से अवैध है।

ग्रामीणों में आक्रोश

इस अवैध निर्माण को लेकर गांव के लोगों में भारी नाराजगी है। ग्रामीणों का कहना है कि यह मंदिर सैकड़ों वर्षों पुराना है और यहां रोज़ाना बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। दीवार की वजह से मंदिर जाने का रास्ता पूरी तरह बाधित हो गया है।

कुछ ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि स्थानीय दबंग तत्वों द्वारा यह निर्माण जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को आहत करने और सार्वजनिक संपत्ति पर कब्जा जमाने की मंशा से किया गया है।

पुलिस ने शुरू की जांच

ग्राम प्रधान की शिकायत पर पुलिस ने मौके की जांच शुरू कर दी है। चंदापुर पुलिस चौकी के प्रभारी ने बताया कि दी गई तहरीर के आधार पर आरोपियों की पहचान की जा रही है और जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।

प्रभारी ने यह भी कहा कि यदि निर्माण अवैध पाया गया, तो तत्काल प्रभाव से उसे ध्वस्त कर दिया जाएगा और दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग

ग्राम प्रधान समेत गांव के वरिष्ठ नागरिकों ने उच्च प्रशासनिक अधिकारियों से भी हस्तक्षेप की मांग की है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और गांव की धार्मिक व सांस्कृतिक विरासत सुरक्षित रह सके।

यह मामला न सिर्फ सरकारी जमीन और धार्मिक स्थल से जुड़ा है, बल्कि इससे सामाजिक सौहार्द और कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन कितनी तत्परता से कार्रवाई करता है।

Share this story

Tags