अवैध मतांतरण केस: ईडी करेगी जलालुद्दीन के करीबी नवीन रोहरा से पूछताछ, विदेशी फंडिंग को लेकर बढ़ी जांच
अवैध धर्मांतरण मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जांच की रफ्तार तेज कर दी है। मामले के मास्टर माइंड माने जा रहे जलालुद्दीन उर्फ छांगुर के बयानों की तस्दीक करने और पूरी साजिश की परतें खोलने के लिए अब उसके करीबी सहयोगी नवीन रोहरा उर्फ जमालुद्दीन से भी पूछताछ की तैयारी की जा रही है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ईडी ने विशेष अदालत में अर्जी दाखिल कर नवीन को पुलिस रिमांड पर लेने की मांग की है। बताया जा रहा है कि जांच एजेंसी की नजर अब इस पूरे नेटवर्क में विदेशी फंडिंग को लेकर सक्रिय भूमिका निभा रहे लोगों पर है। नवीन रोहरा से पूछताछ के दौरान इसी पहलू पर गहराई से सवाल किए जाएंगे।
ईडी को शक है कि जलालुद्दीन द्वारा चलाए जा रहे मतांतरण रैकेट के पीछे मजबूत आर्थिक तंत्र है, जिसमें विदेशों से आने वाला धन प्रमुख भूमिका निभा रहा है। अब तक की जांच में यह सामने आया है कि इस नेटवर्क के जरिये बड़े पैमाने पर गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को निशाना बनाकर उनका धर्मांतरण कराया गया, और इसके लिए विदेशी एनजीओ व अन्य स्रोतों से फंडिंग की गई।
नवीन रोहरा को जलालुद्दीन का सबसे भरोसेमंद सहयोगी माना जा रहा है। जांच एजेंसी को उम्मीद है कि उससे पूछताछ में कई अहम जानकारियां सामने आ सकती हैं, जिनसे पूरे नेटवर्क के अन्य सदस्यों की पहचान भी संभव होगी। ईडी को इस बात के पुख्ता संकेत मिले हैं कि जलालुद्दीन और नवीन मिलकर एक सुव्यवस्थित तरीके से धर्मांतरण की गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे।
गौरतलब है कि इससे पहले ईडी ने जलालुद्दीन से लंबी पूछताछ की थी, जिसमें उसने कुछ अहम नामों का खुलासा किया था। एजेंसी ने उसके बैंक खातों, फंड ट्रांजैक्शन और विदेशी संपर्कों की भी जांच शुरू कर दी है। अब नवीन से पूछताछ के जरिए ईडी यह जानने की कोशिश करेगी कि धनराशि कहां से आई, किस माध्यम से भारत में भेजी गई और उसे किस तरह लोगों के धर्मांतरण में उपयोग किया गया।
जांच अधिकारियों का कहना है कि अगर नवीन रोहरा से पूछताछ में विदेशी फंडिंग की पुष्टि होती है, तो इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का गंभीर एंगल जुड़ सकता है। ऐसे में अन्य केंद्रीय एजेंसियों की भी भूमिका जांच में बढ़ सकती है।फिलहाल विशेष कोर्ट में रिमांड याचिका पर सुनवाई का इंतजार है। अगर कोर्ट से अनुमति मिलती है तो ईडी नवीन से आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करेगी और जलालुद्दीन के बयानों को क्रॉस-वेरिफाई करेगी।ईडी की इस सख्ती से साफ है कि केंद्र सरकार इस तरह की गतिविधियों के खिलाफ अब जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है और मामले में शामिल हर व्यक्ति को कानून के दायरे में लाकर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

